केंद्र सरकार को कोविड प्रबंधन पर सलाह देने वाले टास्क फोर्स के कुछ सदस्य इस बात पर बहुत ज़ोर दे रहे हैं कि तुरंत देशव्यापी लॉकडाउन लगाया जाए। इस टास्क फोर्स के मुखिया डॉ वीके पॉल हैं जो प्रधानमंत्री को सीधे रिपोर्ट करते हैं। टास्क फोर्स में एम्स और आईसीएमआर जैसे संस्थानों के विशेषज्ञ रखे गए हैं।
पूरे देश में लॉकडाउन की हिमायत करने वाले इन एक्सपर्ट्स का मानना है कि हमें तुरंत संक्रमण चक्र तोड़ने की जरूरत है। उनका कहना है कि चिकित्सा संसाधन बुरी तरह चरमराए हुए हैं। अगर दैनिक संक्रमण की गति यही बनी रही तो चिकित्सा ढांचे की और भी बुरी दशा होगी। संसाधन बढ़ाने की भी हद होती है। ऐसे में हमें सबसे पहले संक्रमण संख्या घटानी होगी। इसके लिए संक्रमण चक्र तोड़ना ही होगा। कोविड एक-दूसरे के संपर्क में आने से फैलता है। देशव्यापी लॉकडाउन होगा तो संपर्क न होने से संक्रमण चक्र टूटेगा और मरीजों की संख्या में चार-चार लाख की दैनिक वृद्धि घटेगी।
क्या और कोई चारा नहीं बचा?
यहां 20 अप्रैल को दिया गया प्रधानमंत्री का बयान उल्लेखनीय है। उन्होंने कहा था कि लॉकडाउन को टालने की हरसंभव कोशिश की जाए। इसे तभी लगाया जाए जब और दूसरा कोई रास्ता न बचा हो।
टास्क फोर्स के एक सदस्य ने कहा कि हम पिछले कुछ महीनों से यह बात जोर देकर कह रहे हैं कि जनता को बताया जाए कि लॉकडाउन बहुत जरूरी हो गया है। देशव्यापी लॉकडाउन न कि जैसा इस समय हम कर रहे हैं थोड़ा यहां थोड़ा वहां। क्योंकि संक्रमण तो पूरे देश में बढ़ रहा है।
एक अन्य सदस्य ने कहा कि गलत एंगल से देख रहे हैं। स्वास्थ्य-चिकित्सा ढांचे को बेहतर करने की एक सीमा होती है। हमने ऑक्सीजन सप्लाइ सुधार ली है लेकिन बीमारों को देखते हुए अब भी इस गैस की किल्लत है। कोविड का मर्ज एक आदमी से दूसरे तक फैलता है। ऐसे में लॉकडाउन करके संक्रमण चक्र रोकना ही मुफीद रास्ता है।