केंद्र सरकार में सत्ताधीन मोदी सरकार ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के हाथों बुरी तरह से हाल झेलने के बाद अब आगामी चुनाव में अपनी रणनीति बदलती नजर आ रही है। अब खबर आ रही है कि छत्तीसगढ़ में भाजपा ने बगैर सीएम फेस के मैदान में उतरने का फैसला लिया है। साथ ही संभावनाएं जताई जा रही हैं कि तीन दफा मुख्यमंत्री रह चुके रमन सिंह को इस बार बैक सीट पर भेजा जा सकता है। फिलहाल, छत्तीसगढ़ में CM भूपेश बघेल के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार है और पार्टी ने हाल ही में प्रदेश इकाई में कई बड़े परिवर्तन किए हैं।
एक मीडिया रिपोर्ट में भाजपा के अंदरूनी सूत्रों के हवाले से जानकारी दी गई है कि पार्टी इतिहास में पहली दफा राज्य में बिना सीएम फेस के चुनाव लड़ने जा रही है। सूत्रों के मुताबिक, भाजपा ने ‘समावेशी नेतृत्व’ के साथ विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। खास बात है कि भाजपा की ओर से यह रणनीतिक बदलाव ऐसे समय पर किया जा रहा है, जब पीएम नरेंद्र मोदी रायपुर दौरे पर आ कर गए.
बताया जा रहा है कि इसके माध्यम से भाजपा प्रदेश इकाई में गुटबाजी पर लगाम लगाना चाहती है। भाजपा कांग्रेस पर हमेशा गुटबाजी का आरोप लगाती रही है मगर जमीनी हकीकत में देखा जाए तो छत्तीसगढ़ राज्य में भाजपा गुटबाजी की शिकार है राज्य के अलावा जिलों में भी गुटबाजी नजर आती है सबसे ज्यादा गुटबाजी बस्तर संभाग में देखने को मिलती है. हाल ही में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ में नेताओं के साथ मीटिंग की थी. पार्टी ने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओम माथुर और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया को चुनाव प्रभारी नियुक्त किया है. लेकिन छत्तीसगढ़ में वर्तमान भूपेश सरकार को घेरने में भाजपा की तरफ से पूरजोर कोशिश भी नाकाम नजर आ रही है. केंद्रीय नेतृत्व ने इसलिए ही इस बार विधान सभा चुनाव में सीएम के चेहरे के बिना चुनाव लड़ने का फैसला लिया है.