दिल्ली। फूड एग्रीगेटर जोमैटो ने बेंगलुरु, गुरुग्राम और दिल्ली के कुछ इलाकों में इसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू करने के एक साल बाद अपनी 10 मिनट की डिलीवरी सेवा को बंद कर दिया है। 1 जनवरी से ऑर्डर देने वाला ऐप तत्काल डिलीवरी बंद कर दिया गया है। वहीं, कंपनी के एक प्रवक्ता ने सोमवार को कहा, “इंस्टैंट डिलीवरी बंद नहीं हो रही है। सभी फिनिशिंग स्टेशन बरकरार हैं और इस फैसले से कोई प्रभावित नहीं हुआ है।”
अब कंपनी का फोकस लो-वैल्यू वैक़्ड मील जिसमें थानी या कॉम्बो मिल्स पर है। नए सर्विस को 7 से 10 दिनों में लॉन्च किया जा सकता है। बता दें मार्च 2022 में जोमैटो ने इंस्टेंट-10 मिनट की फूड डिलीवरी सर्विस शुरू करने की योजना की घोषणा की। समय पर ऑर्डर पूरा करने के लिए रेस्टोरेंट पार्टनर के लिए मिनी असेंबली किचन संचालित करने वाले छोटे हब या स्टेशन बनाए गए। जोमैटो के इंस्टेंट डिलीवरी में कदम रखने का कदम एक उपभोक्ता की पसंद से प्रेरित था। जोमैटो के संस्थापक दीपिंदर गोयल ने पिछले मार्च में एक ब्लॉगपोस्ट में यह खुलासा किया था। जोमैटो की योजना से वाकिफ लोगों ने कहा कि अब तक इसने केवल पांच फूड स्टेशन स्थापित किए थे, लेकिन इसे बड़ा नहीं कर सका। कंपनी के सह-संस्थापक और मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी ने इस महीने की शुरुआत में इस्तीफा दे दिया था। नवंबर में सह-संस्थापक मोहित गुप्ता ने फूड-टेक कंपनी छोड़ दी। नई पहल के प्रमुख राहुल गंजू ने नवंबर में कंपनी छोड़ दी थी। Zomato के ग्लोबल ग्रोथ के वाइस प्रेसिडेंट सिद्धार्थ झावर ने भी उसी महीने इस्तीफा दे दिया था।