यूनिसेफ के प्रतिनिधियों ने बाल अधिकार, सरंक्षण और कानूनों के बारे में बताया
सुकमा ब्यूरो : स्वामी विवेकानंद प्रशिक्षण हॉल सुकमा में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा एकीकृत बाल संरक्षण योजना अंतर्गत किशोर न्याय बालको की देखरेख एवं संरक्षण अधिनियम 2015 एवं लैगिंक अपराधों से बालको का संरक्षण अधिनियम 2012 विषय पर जिला स्तरीय एक दिवसीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन दिनॉक विगत दिवस किया गया। कार्यशाला में मास्टर ट्रेनर के रूप में यूनिसेफ एवं सी.एस.जे के प्रतिनिधियों द्वारा बाल अधिकारों, बाल संरक्षण एवं बाल कानूनों आदि संबंधित बिन्दुओं पर विस्तृत रुप से बताया गया।
कार्यक्रम में निमिषा श्रीवास्तव एस्सेक्यूटिव निदेशक सी.एस.जे द्वारा बाल अधिकार और बाल संरक्षण का अवलोकन एवं उर्वशी तिलक. निदेशक रिस्टोरेटिव जस्टिस सी.एस.जे द्वारा बाल संरक्षण प्रणाली, लिंकेज और कानूनी ढ़ॉचा-सरलीकृत विषय पर विस्तृत जानकारी दी गई। द्वितीय सत्र में मास्टर ट्रेनर द्वारा पॉक्सो अधिनियम की मुख्य विशेषताएँ, बच्चों के साथ काम करते समय आद्यात-सूचित दृष्टिकोण का उपयोग करने के लिए केस स्टडी माध्यम से चर्चा की गई एवं प्रश्नोत्तरी के माध्यम से प्रतिभागियों के आशंकाओं को दूर करने का प्रयास किया गया जिसमें प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। उन्होंने जिले में बाल अधिकार एवं संरक्षण संबंधी विषय पर समय-समय पर निरंतर जागरूकता कार्यक्रम के आयोजित करने हेतु निर्देशित किया गया।
बाल अधिकारों की सुरक्षा एवं संरक्षण के लिए करें नियमित रूप से प्रचार-प्रसार
प्रशिक्षण सह कार्यशाला में उपस्थित विभिन्न विभागों से उपस्थित प्रतिभागियों को माननीय कलेक्टर महोदय जिला सुकमा के द्वारा कार्यक्रम की उपयोगिता के संबंध में अवगत कराते हुए जानकारी दी गई कि, बच्चों के विरूद्ध निरंतर अपराधों में वृध्दि होना चितांजनक है। जिसकी रोकथाम हेतु बच्चों के सुरक्षा तंत्र को मजबूती प्रदान करने के लिए सभी विभागों को साथ मिलकर कार्य करने के निर्देश दिए गये।
बच्चों के सुरक्षा एवं संरक्षण के लिए विधि द्वारा स्थापित अधिनियमोें को कढ़ाई से पालन करने के साथ ही जिले में बाल अधिकारों की सुरक्षा एवं संरक्षण के लिए नियमित रूप से जागरूकता एवं प्रचार-प्रसार करने हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदाय किया गया।
महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से सुश्री बिस्मिता पाटले जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी जिला सुकमा द्वारा प्रतिभागियों से बच्चों की सर्वोत्तम हित एवं बाल अधिकारों की रक्षा हेतु विधि द्वारा स्थापित कानूनी प्रावधानों का पालन करने एवं समाज के सभी नागरिकों को एकजुट होकर समन्वित प्रयास से कार्य करने की अपील की गई। साथ ही बच्चों के विरूद्ध घटित होने वाले अपराधों की रोकथाम हेतु सजग रहने एवं विभाग को त्वरित सूचना प्रदान करने के लिए आग्रह किया गया। जिससे यथाशीध्र बच्चों को सहायता प्राप्त हो सकेगी। जिला बाल संरक्षण इकाई म.बा.वि जिला सुकमा की ओर से जिला बाल संरक्षण अधिकारी जितेन्द्र सिंह बघेल द्वारा प्रतिभागियों को जिला बाल संरक्षण इकाई के कार्य प्रणाली, बच्चों के सुरक्षा तंत्र, बाल संरक्षण समिति, एवं शासन द्वारा सी.एन.सी.पी. बच्चों के लिए संचालित महत्वपूर्ण योजनाओं के विषय में क्रमबघ्द एवं विस्तृत जानकारी दी गई।
इस कार्यशाला में पुलिस विभाग,शिक्षा विभाग, आदिम जाति एवं कल्याण विकास विभाग,पंचायत विभाग, श्रम विभाग,स्वैच्छिक संगठनों के प्रतिनिधिगण, कॉलेज में अध्ययनरत् एन.एस.एस. के छात्र/छात्राएँ एवं महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारीगण उपस्थित थे।