31 जुलाई को रायपुर में बुलाई गई बैठक,अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी …
News Edition 24 Desk : छत्तीसगढ़ प्रदेश के करीब पांच लाख सरकारी कर्मचारी महंगाई भत्ता और गृह भाड़ा बढ़ाने की मांग को लेकर हड़ताल पर थे. हालांकि हड़ताल की घोषणा 29 जुलाई तक दी गई थी लेकिन सरकार की तरफ से उनकी मांगों पर कोई संज्ञान नही लिया गया. जिसके चलते पांच दिन की घोषित हड़ताल अब अनिश्चितकालीन हड़ताल मे बदलने की संभावना नजर आ रही है.
हड़ताल के बावजूद सरकार ने अब तक कर्मचारियों की मांगों पर कोई निर्णय नहीं लिया है. फेडरेशन के नेताओं ने इसे सरकार की हठधर्मिता बताया है. फेडरेशन के संयोजक वर्मा ने बताया कि सरकार के रवैये को देखते हुए कर्मचारियों में रोष बढ़ा है. अब अनिश्चितकालीन हड़ताल की तैयारी शुरू हो गई है, इसके लिए फेडरेशन में शामिल सभी मान्यता प्राप्त संगठनों की 31 जुलाई को रायपुर में बैठक बुलाई गई है.
इधर हड़ताल की वजह से सरकारी कामकाम पर भी गहरा असर पड़ा है. कर्मचारी नेताओं के अनुसार माने तो हड़ताल के कारण करीब 12 सौ करोड़ से अधिक का राजस्व प्रभावित हुआ है, वहीं जिलों से लेकर मंत्रालय तक करीब 25 हजार से ज्यादा फाइलें जाम हो गई हैं.
छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा ने बताया कि हड़ताल के कारण प्रदेश के सभी सरकारी कार्याल्य बंद हैं. आबकारी, कलेक्टेरेट, तहसील कार्यालयों, स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, लोक निर्माण विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, नगर निगम जैसे कई महत्वपूर्ण विभाग में तालीबंदी रही. इसका सीधा असर सरकार के राजस्व पर पड़ा है . हड़ताल के दौरान राज्य शासन को लाखों रुपये के राजस्व की हानि हुई है.
इधर, सरकारी कामकाज ठप होने का असर आम लोगों के काम पर भी पड़ रहा है. लोक सेवा के अंर्तगत मिलने वाली जन्म, मृत्यु प्रमाण पत्र सहित अन्य के लिए च्वाइस सेंटरों के माध्यम से आवेदन तो जमा हो रहे हैं, लेकिन हड़ताल की वजह से प्रमाण पत्र जारी नहीं हो पा रहा है.