
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ मे शिक्षको की वन टाइम रिलैक्सेशन के तहत हजारो शिक्षको की पदोन्नति प्रक्रिया प्रारंभ कर सरकार ने पदोन्नति पर 5साल की जगह 3साल मे समय अवधि मे शिथिलता बरतते हुए लगभग 35-38हजार शिक्षको को जिनमे सहायक शिक्षक, शिक्षक एल बी को प्राथमिक प्रधान पाठक,उच्च श्रेणी शिक्षक, मिडिल H M के पद पर पदोन्नति प्रक्रिया चालू किया गया था इस पदोन्नति प्रक्रिया को कुछ शिक्षको ने पदोन्नति नियम सहित कई मुद्दे पर त्रुटि होने के आरोप मे न्यायालय मे चुनौती दिया पूर्व मे मिडिल H M पदोन्नति पर याचिका कर्ता चिंता राम धीवर W P S -557/2022मामले पर हाई कोर्ट ने स्टे दे दिया था इसी दौरान कोंडा गांव जिले के सहायक शिक्षक नीलम कुमार मेश्राम व मुंगेली जिले के सहायक शिक्षक शैलेष कुमार ने पदोन्नति प्रक्रिया को चुनौती दी और पदोन्नति पर रोक लगाने की माँग की इनके प्रकरण पर सुनवाई करते हुए मा उच्च न्यायालय की युगल पीठ ने पदोन्नति प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए आगामी सुनवाई 10 मार्च निर्धारित थी मामला सूची बद्ध हुई परन्तु सुनवाई नहीं हो सकी इस मामले की सुनवाई आज 14 मार्च को याचिका कर्ता चिंता राम धीवर प्रकरण क्रमांकW P S- 557/2022 कार्य सूची मे 23 नंबर पर व शैलेश कुमारW P S-892/2022 कार्य सूची मे 26
नंबर पर है जिसकी सुनवाई 14 मार्च सोमवार को होगी मामले पर राज्य शासन ने अपना जवाब प्रस्तुत कर दिया है शैलेश कुमार मामले मे भी सरकार ने रिजाइंडर पेश की है अब न्यायालय 14 को प्रकरण को सुनेगी हो सकता है सरकार के जवाब से न्यायालय संतुष्ट हो कर मामले पर स्थगन हटा दे जिसकी पूरी संभावना दिख रही
वही पूरे प्रदेश के शिक्षको की नजर आज होने वाली सुनवाई पर है शिक्षक वर्षो बाद शुरू हुए पदोन्नति प्रक्रिया के मामले न्यायालय मे स्थगन होने से मायूस नजर आ रहे और चाह रहे की न्यायालय इस मामले का शीघ्र निपटारा करे ताकि हमे पदोन्नति मिल सके.
वर्तमान मे मामला न्यायालय मे है. हो सकता है कल इस पर कोई निर्णय हो सके.