बिलासपुर। मंत्री टीएस सिंहदेव ने बिल्हा जनपद पंचायत सीईओ के खिलाफ जांच का आदेश जारी किया है। मंत्री के आदेश के बाद जिला पंचायत सीईओ ने चार सदस्यीय जांच टीम का गठन कर दिया है। जांच दल की रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। जिला पंचायत के सभापति अंकित गौराहा ने 16 फरवरी को सामान्य सभा की बैठक के दौरान मुद्दा उठाया था। सामान्य सभा की बैठक में सभापति गौराहा ने बिल्हा जनपद पंचायत पर 15 वें वित्त योजना की राशि वितरण के समय चार प्रतिशत कमीशनखोरी का आरोप लगाय था। मामले में जांच की मांग भी उन्होंने किया था। अचरज की बात ये कि सामान्य सभा की बैठक के दो दिन बाद जिला पंचयायत के सीईओ ने इस तरह की शिकायत से ही इन्कार कर दिया था। सभापति अंकित गौराहा ने दस्तावेजी प्रमाण पेश कर बताया कि जनपद पंचायत बिल्हा के सीईओ के इशारे पर कमीशनखोरी को छह ग्राम पंचायत सचिव द्वारा मिलकर अंजाम दिया है। मामले में अंकित गौराहा ने यह भी बताया कि बिल्हा में कुल 127 सचिव है। लेकिन सभी क्षेत्रों में कराए गए काम का भुगतान सिर्फ छह सचिव ही करते हैं। खुद सीईओ ने छह सचिवों वाली क्लस्टर कमेटी को भंग करने का आदेश दिया है। अंकित ने अपनी शिकायत में यह भी बताया कि उनके पास क्षेत्र के तमाम सरपंच और सचिवों की लिखित शिकायत है। शिकायत को सामान्य सभा की बैठक में भी उठाया है। दूसरी तरफ शिकायतकर्ता अंकित गौराहा के संबंध में जानकीरी मिली है की वे RTI लगाकर अधिकारियों को परेशान करते रहते है. जनता से रिश्ता को ये भी जानकारी मिली है की वसूली के आरोप में जनता कांग्रेस ने अंकित गौराहा को पार्टी से निष्काषित किया है. अब कांग्रेस की सरकार आने पर अंकित गौराहा फिर मनमानी पर उतर आया है. और इस पर अधिकारियों को भी परेशान करने का आरोप है.