National Desk News Edition 24: बुधवार को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि भगोड़े बिज़नेसमैन विजय माल्या , नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और अन्यों से बैंकों को 18,000 करोड़ रुपये की राशि वापस कर ली गई है। सुप्रीम कोर्ट मनी लॉन्ड्रिंग मामलों के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय को दी गई शक्तियों के व्यापक दायरे को चुनौती देने वाली याचिकाओं के बैच की सुनवाई कर रहा है।
केंद्र ने कहा कि भारत में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा 4,700 PMLA मामलों की जांच की जा रही है और अदालत के समक्ष लंबित अपराधों की कुल आय 67,000 करोड़ रुपये है। केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि कैसे एक बड़ी राशि अभी भी अटकी हुई है और अदालतों द्वारा दी जा रही कानूनी सुरक्षा के कारण वसूली के चरण को पार नहीं कर रही है।
उन्होंने कहा, “हजारों करोड़ की ठगी करने वाले कुछ लोगों को अदालतों का कानूनी संरक्षण मिल रहा है. अब तक अदालतों ने गैर-जबरदस्त कार्रवाई करके 67000 करोड़ रुपये की राशि रोकी है”। शीर्ष अदालत कानून के तहत अपराध की आय की खोज, जब्ती, जांच और कुर्की के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को उपलब्ध शक्तियों के व्यापक दायरे को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है।