
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ कांग्रेस में गुटबाजी अब बाहर निकल कर आने लगी है। ताजा घटनाक्रम में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएएस सिंहदेव के करीबी बिलासपुर के कांग्रेस विधायक शैलेष पाण्डेय के खिलाफ कोतवाली के घेराव और सरकार के ख़िलाफ़ बयान पर अनुशासनात्मक कार्रवाई एवं पार्टी से निष्कासित करने की सिफ़ारिश जिला (शहर) कांग्रेस कमेटी ने की है।
विगत दिनों बिलासपुर जिला मुख्यालय में स्थित सरकारी अस्पताल में कांग्रेस नेता और अस्पताल के कर्मचारी के बीच कथित विवाद हुआ था। इसके बाद कांग्रेस नेता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई थी। इस पर स्थानीय विधायक व कांग्रेस नेता शैलेष पांडेय ने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के करीबी होने के कारण उनके समर्थकों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
बता दें कि बुधवार को कोतवाली के घेराव और उस दौरान दिए गए बयान को लेकर विधायक शैलेश पांडे को पार्टी से निष्कासित करने की सिफ़ारिश जिला (शहर) कांग्रेस कमेटी ने की है। इस तरह का प्रस्ताव गुरुवार को हुई कार्यकारणी की मीटिंग में लिया गया।
क्या रहा मुद्दा शहर कांग्रेस कमेटी की बैठक में…?
विधायक शैलेष पांडेय के इस बयान की व्यापक प्रतिक्रिया हुई थी। गुरुवार को हुई शहर कांग्रेस कमेटी की मीटिंग में यह मुद्दा छाया रहा। लोगों का कहना था कि पंकज सिंह कांग्रेस के कार्यकर्ता हैं उन्हें लेकर किसी तरह की बात नहीं है। लेकिन, कांग्रेस पार्टी के विधायक होने के बावजूद शैलेश पांडे ने जिस तरह इस मामले में बयान दिया है वह आपत्तिजनक है और इस पर कार्यवाही होनी चाहिए।
बैठक में शहर कांग्रेस कमेटी की 21 सदस्यीय कार्यकारिणी ने प्रस्ताव पारित किया कि इस मामले में विधायक शैलेश पांडे के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जानी चाहिए। उन्हें पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित किया जाना चाहिए।
इस बैठक में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष अटल श्रीवास्तव, शहर कांग्रेस अध्यक्ष प्रमोद नायक, महापौर रामशरण यादव, जिला पंचायत अध्यक्ष अरुण चौहान, कांग्रेस प्रवक्ता अभय नारायण राय, राजेंद्र शुक्ला, नरेंद्र बोलर सहित कार्यकारिणी के सदस्य मौजूद थे।
बैठक में कार्यकारिणी के सदस्यों के साथ ही पार्षद और जिला पंचायत सदस्यों को भी आमंत्रित किया गया था। बुधवार को हुए घटनाक्रम के सिलसिले में शहर कांग्रेस की यह बड़ी कार्यवाही मानी जा रही है। यह प्रस्ताव प्रदेश कांग्रेस कमेटी को भेजा जाएगा। उनकी ओर से किस तरह की कार्यवाही की जाती है यह आने वाले समय में ही सामने आ सकता है। फिलहाल इस मुददे पर प्रदेश की राजनीति में फिर हलचल बढ़ गई है।