News Edition 24: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले की रहने वाली नम्रता जैन ने साबित कर दिया कि मुश्किल हालातों के बावजूद भी अपने सपने को पूरा किया जा सकता है. दंतेवाड़ा जैसे नक्सल प्रभावित जिले की रहने वाली नम्रता जैन को अब महासमुंद में पोस्टिंग मिली है और उन्होंने SDM की जिम्मेदारी संभाल ली है. वह इससे पहले रायपुर में ट्रेनी असिस्टेंट कलेक्टर थीं. upscpathshala की रिपोर्ट के अनुसार, नम्रता जैन (Namrata Jain) छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा (Dantewada) जिले के कारली की रहने वाली हैं. बता दें कि दंतेवाड़ा जिला देश में नक्सलवाद से प्रभावित क्षेत्रों में से एक है और नम्रता के लिए पढ़ाई कर आईएएस बनना आसान नहीं था. नम्रता जैन ने एक इंटरव्यू में बताया था, ‘उनके कस्बे में एक पुलिस स्टेशन में नक्सलियों ने विस्फोट कर दिया था, जिसने सिविल सेवा में शामिल होकर गरीबों की सेवा करने और माओवाद प्रभावित क्षेत्र में विकास लाने के लिए प्रेरित किया.’ उन्होंने बताया था, ‘मैं जिस जगह से आती हूं वह नक्सलवाद से बुरी तरह प्रभावित है. वहां के लोगों के पास शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं. मैं अपने राज्य के लोगों की सेवा करना चाहती हूं. दंतेवाड़ा में विकास लाना वहां से नक्सलवाद का सफाया करने में मदद करेगा.’
नम्रता जैन (Namrata Jain) ने अपनी शुरुआती पढ़ाई दंतेवाड़ा के कारली के निर्मल निकेतन स्कूल से की, लेकिन 10वीं पास करने के बाद मुश्किल आ गई, क्योंकि उनके घरवालों ने आगे की पढ़ाई के लिए बाहर भेजने से मना कर दिया. हालांकि नम्रता की मां ने उनका पूरा साथ दिया और परिवारवालों को नम्रता की पढ़ाई के लिए राजी किया. इसके बाद नम्रता ने 5 साल भिलाई (Bhilai)और 3 साल दिल्ली (Delhi) में रहकर पढ़ाई की. नम्रता ने भिलाई के इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग की और इसके बाद उन्हें एक पब्लिक सेक्टर कंपनी में जॉब मिल गई. नम्रता का सपना आईएएस बनने का था, इसलिए उन्होंने जॉब नहीं की और दिल्ली जाकर यूपीएससी की तैयारी करने का मन बना लिया. नम्रता को यूपीएससी एग्जाम की तैयारी के लिए सबसे ज्यादा प्रोत्साहित उनके चाचा और मामा ने किया था.
नम्रता जैन (Namrata Jain) के परिजनों ने बताया कि जब वह यूपीएससी एग्जाम की तैयारी कर रही थीं, उस समय 6 महीने के अंतराल में उनके दो चाचा की मौत हार्ट अटैक से हो गई, जिससे वह काफी टूट गई थीं. हालांकि उन्होंने अपने सपने को नहीं टूटने दिया और तैयारी में लगी रहीं, क्योंकि उनके चाचा भी चाहते थे कि नम्रता आईएएस बनें.
नम्रता जैन (Namrata Jain) ने पहली बार 2015 में यूपीएससी की परीक्षा दी, लेकिन वह सफल नहीं हो पाईं. इसके बाद साल 2016 के एग्जाम में 99वां रैंक लाने के बावजूद भी वह आईएएस नहीं बन पाईं और वह मध्यप्रदेश कैडर की IPS अफसर बनीं. हालांकि नम्रता का लक्ष्य आईएएस बनने का था, इसलिए उन्होंने हैदराबाद के सरदार वल्लभ भाई पटेल नेशनल पुलिस एकेडमी में ट्रेनिंग के दौरान भी यूपीएससी की तैयारी नहीं छोड़ी.
पुलिस ट्रेनिंग के दौरान नम्रता जैन (Namrata Jain) लगातार तैयारी करती रहीं, लेकिन उन्होंने 2016 में यूपीएससी का एग्जाम नहीं दिया और फिर 2018 में भाग्य आजमाया. इस बार उनकी मेहनत रंग लाई और उन्होंने ऑल इंडिया में 12वां रैंक हासिल किया और आईएएस बनने का सपना पूरा किया।
Report Dantewada Bureau Divin Thomas.