News Edition 24: साल 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा में दूसरी पार्टियों से आने वाले नेताओं की झड़ी लगी है। पहले कांग्रेस के जितिन प्रसाद भाजपा में शामिल हुए। एक दिन पहले तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) के वरिष्ठ नेता और तेलंगाना के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री ई. राजेंद्र भी कई समर्थकों के साथ दिल्ली पहुंचकर भाजपा का दामन थाम लिया। बताया गया है कि दिल्ली पहुंचने के लिए राजेंद्र ने एक चार्टर्ड प्लेन तक किराए में लिया, जिसमें वे अपने समर्थकों के साथ दिल्ली पहुंचे।
उनकी इस एंट्री ने जहां उनके समर्थकों के साथ भाजपा में भी हलचल मचा दी, वहीं विपक्षी पार्टियां भी उनके भाजपा में शामिल होने के महत्व को समझती हैं। खासकर टीआरएस को इसका खासा नुकसान हो सकता है, क्योंकि राजेंद्र एक समय तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के दाहिने हाथ भी कहे जाते थे।
मुख्यमंत्री से चल रहे थे नाराज
तेलंगाना सीएम से अपनी इसी करीबी और मजबूत पहचान की वजह से राजेंद्र की तुलना अब पश्चिम बंगाल के नेता मुकुल रॉय से की जा रही है। इसकी एक वजह तेलंगाना में राजेंद्र की ताकत और उनका भरोसेमंद कैडर है। राजेंद्र को जानने वाले नेताओं का कहना है कि उनकी एंट्री से तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में वैकल्पिक राजनीतिक ताकत के तौर पर उभरने की चाहत रखने वाली भाजपा और मजबूत होगी।
बता दें कि राजेंद्रन को सदस्यता ग्रहण कराने के साथ ही भाजपा में उनका स्वागत करते हुए धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि, ‘‘राज्य में जब भी विधानसभा का अगला चुनाव होगा, भाजपा की वहां सरकार बनना तय है।’’ राजेंद्र ने पिछले दिनों विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। कुछ दिनों पहले ही उन्होंने पार्टी की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया था।
हुजूराबाद निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले राजेंद्र की गिनती तेलंगाना की सत्तारूढ़ टीआरएस के वरिष्ठ नेताओं में होती है। राजेंद्र को उन शिकायतों के बाद पिछले महीने मंत्रिमंडल से निकाल दिया गया था कि उनके परिवार के सदस्यों के मालिकाना हक वाली कंपनियों ने राज्य में जमीनों पर कब्जा किया हुआ है।