धान की आय से ज़्यादा ख़र्च डीज़ल का, इतने MSP से किसानों को नहीं होगा फायदा : कांग्रेस..

रायपुर। कांग्रेस पार्टी ने खरीफ की फसलों के लिए घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य को ऊंट के मुंह में जीरा बताया है। पार्टी का कहना है कि जितना पैसा किसानों को मिलेगा उससे ज़्यादा तो मोदी डीज़ल के दामों से वसूल कर रहे हैं, मोदी सरकार के फ़ैसले ने साबित किया है कि भाजपा किसान विरोधी है .

राजीव भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता में कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि भाजपा के संकल्प पत्र 2014 और 2019 दोनों में कहा गया था कि पार्टी वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी कर देगी, मगर समर्थन मूल्यों में साल दर साल की जा रही बढ़ोत्तरी इतनी कम है कि किसान की आय दोगुनी होने की संभावना भी ख़त्म हो गई है.


डीजल की कीमत के चलते खेती हुई महँगी

रविंद्र चौबे ने कहा कि पिछले एक वर्ष में डीज़ल के दामों में जो वृद्धि हुई है उसकी वजह से खेती करना बहुत महंगा हो गया है, अभी इसमें मज़दूरी की बढ़ी हुई क़ीमत, खाद के दामों में वृद्धि अलग से होगी। आज सरकार कह रही है कि धान के उत्पादन में 1292 रुपये का खर्च आता है जबकि पहले 1410 प्रति क्विंटल लागत स्वीकार किया गया था। इस दृष्टि से भी देखें तो किसान की आय दोगुनी तो किसी सूरत में नहीं हो रही है.

न्याय योजना नहीं होती तो क़र्ज़ में होते किसान

कांग्रेस पार्टी का कहना है कि जब उनकी सरकार ने अपने वादे के अनुसार किसानों का कर्ज़ा माफ़ किया और किसानों को 2500 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से देना शुरु किया तो भाजपा की केंद्र सरकार को आपत्ति हो गई। केंद्र सरकार ने धमकी दे दी कि अगर समर्थन मूल्य से अधिक का भुगतान हुआ तो केंद्र राज्य से केंद्रीय पूल में चावल नहीं लेगी। वहीं जब प्रदेश में ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ लागू की गई तो भाजपा को वह अन्याय योजना दिखती है। सरकार ने ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ लागू न की होती तो आज फिर छत्तीसगढ़ का किसान कर्ज़ में डूबा होता।

Report Raipur Bureau-Joy Fernandes.

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