विमान की इमरजेंसी लैंडिंग करवाते वक्त आखिर क्यों गिराया जाता है ईंधन, जानें यहां

हवाई जहाज अक्सर अधिकतम लैंडिंग वेट से ज्यादा वेट के साथ एयरपोर्ट से उड़ान भरते हैं। लेकिन लैंडिंग करते हुए विमानों का वजन कुछ कम हो जाता है। जिस से कि बिना किसी नुकसान के हवाई जहाज को लैंड करवाया जा सके। उड़ान के दौरान प्लेन के ईंधन को सामान्य तरीके से जलाया जाता है, जिस से उसका वजन कम हो जाता है और विमान की सुरक्षित लैंडिंग होती है। अब सवाल उठता है कि अगर किसी प्लेन की इमरजेंसी लैंडिंग करवानी हो तो इसके क्या क्या तरीके होते हैं?

दरअसल, उड़ान के दौरान तकनीकी खराबी के चलते प्लेन के कप्तान के पास 3 विकल्प होते हैं।

पहला यह कि वह जल्दी और अधिक वजन के साथ प्लेन को लैंड करा सकता है, लेकिन ये प्लेन के लिए खतरनाक होता है और लैडिंग के दौरान जरा सी चूक से प्लेन में आग लग सकती है।

दूसरा अधिकतम लैंडिंग भार तक पहुंचने के लिए ज्यादा देर तक उड़ान भरते रहे और ज्यादा से ज्यादा ईंधन को जला दें, जिस से प्लेन आसानी से लैंड हो जाए। लेकिन इमरजेंसी करते समय ये पॉसिबल नही होता है।

तीसरा विकल्प यह है कि विमान के ईंधन को जलाने के बजाय उसे डंप कर दिया जाए। ईंधन को डंप करना आपातकालीन स्थिति में एक बहुत ही आसान और सुरक्षित तरीका है, जिससे जल्द ही इमरजेंसी लैंडिंग की जा सकती है।

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