News Edition 24Desk: बाबा रामदेव एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। इस बार उन्होंने कोरोना मरीजों का मजाक उड़ाया। योग गुरु ने अपने एक कार्यक्रम में ऑक्सीजन की कमी पर बोलते हुए बेहद गैर जिम्मेदाराना बयान दिया है। जिसमें वो ये कहते नजर आ रहे हैं कि….
‘मरते हैं ऐसे ही, ले ऑक्सीजन की कमी पड़ रही है, भगवान ने सारा ब्रह्मांड भर रखा है ऑक्सीजन से, ले तो ले बावड़े, बाहर सिलेंडर ढूढ़ रहे हैं, अपने भीतर दो सिलेंडर लगा रखे हैं भर ऑक्सीजन’
बाबा के दावों पर उठ रहे सवाल
बाबा रामदेव कहते हैं कि, जिन लोगों का ऑक्सीजन लेबल 80 फीसदी तक गिर गया उन्हें भी योग के जरिए स्वस्थ कर दिया, लेकिन ऐसा कहते वक्त रामदेव ये भूल गए कि, अगर इसी तरह लोग कोरोना से जंग जीत जाते, तो अस्पतालों में मरीजों की न तो इतनी भरमार होती और ना ही लाखों लोगों की मौत।
बाबा रामदेव के खिलाफ FORDA ने की कड़ी कार्रवाई की मांग,
इधर फेडरेशन ऑफ रेसिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने (एफओआरडीए) भी योग गुरु बाबा रामदेव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।एसोसिएशन ने कोरोना के इलाज के संबंध में उनकी कथित टिप्पणी को लेकर सख्त कार्रवाई की मांग की है। एसोसिएशन ने रविवार को एक प्रेस रिलीज जारी करके योग गुरु पर डॉक्टरों के खिलाफ ‘आधारहीन आरोप’ लगाने का आरोप लगाया है और चेतावनी दी है कि इस वजह से ‘स्वास्थ्य सेवाओं पर असर पड़ सकता है और मॉर्टिलिटी और मॉर्बिडिटी भी बढ़ सकती है।’ एसोसिएशन ने अपनी प्रेस रिलीज को प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, आयुष मंत्रालय, गृह मंत्रालय, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री समेत कुछ चुनिंदा मीडिया हाउस को भी टैग करके ट्वीट किया है।
रामदेव से डॉक्टरों का संगठन नाराज
फेडरेशन ऑफ रेसिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने प्रेस रिलीज में कहा है कि ‘इस समय कोरोना वायरस के खिलाफ मेडिकल फ्रैटर्निटी मिलकर काम कर रही है। करीब एक साल की लड़ाई में हमने इस जानलेवा वायरस से लड़ते हुए अपने कई साथियों को खो दिया है। लेकिन, फिर भी हमपर गलत इलाज करने और लगातार बिना किसी सटीक जानकारे के मरीजों को नुकसान पहुंचाने के आरोप लगाए जाते हैं।’
निहित स्वार्थ का लगाया आरोप
इसके बाद एसोसिएशन ने सीधे रामदेव के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए लिखा है, ‘बाबा रामदेव ने स्टेरॉयड और रेमडेसिविर जैसी परखी हुई दवाओं के इस्तेमाल पर सवाल उठाए हैं और यह बताने की कोशिश की है कि इससे मरीजों की जान पर खतरा है। उन्होंने ना सिर्फ इलाज के मौजूदा तरीके पर प्रश्न उठाए हैं, बल्कि डॉक्टरों के इरादों पर भी सवाल खड़े किए हैं। उनके निहित स्वार्थ की वजह से पूरे मेडिकल जगत को निशाना बनाया जा रहा है, जो कि शायद उनकी कंपनी की ओर से हाल ही में लॉन्च की गई एंटी-कोविड ट्रीटमेंट को लेकर है। डॉक्टरों के खिलाफ ऐसे आधारहीन आरोप लोगों के स्वास्थ्य और स्वास्थ्य सेवाओं पर इस महामारी के दौर में असर डाल सकता है, जिससे मृत्युदर और रोग की गंभीरता बढ़ सकती है।’