•उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने ली समाज प्रमुखों की बैठक
कहा- कोरोना के खिलाफ जंग में प्रशासन का सहयोग करें समाज प्रमुख
•कोविड टीका है सुरक्षित, निर्भीक होकर लगवाए टीका
सुकमा । वैश्विक महामारी कोरोना की दूसरी लहर ने आम जन जीवन अस्त व्यस्त कर दिया है। भारत में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के आंकड़े चिंताजनक है। वर्तमान समय में इस महामारी से बचने के केवल दो उपाय है, लॉकडाउन और कोविड वैक्सीन। इसलिए इस कठिन समय की आवश्यकता है कि अधिक से अधिक लोग अपना टीकाकरण करवाएं और शासन द्वारा जारी निर्देशों का सख्ती से पालन करे। उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने आज जिला कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में यह बातें कहीं। सुकमा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए उन्होंने आज समाज प्रमुखों की बैठक ली। जिसमें जिले के समस्त समाज के प्रमुख सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि भी सम्मिलित हुए।
मंत्री लखमा ने कहा कि प्रदेश में आज कोरोना महामारी के कारण आम जन जीवन थम सा गया है। सुकमा जिले में 17 मई तक लॉकडाउन लगाया गया है जो कोरोना संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण के लिए आवश्यक है। उन्होंने कहा कि कोरोना के फैलाव के प्रभावी रोकथाम के लिए संक्रमण की चैन को तोड़ना जरूरी है। इस समय सभी सतर्कता बनाए रखें और भ्रामक खबरों पर विश्वास ना करें। सभी मिलजुल कर इस महामारी के खिलाफ आगे आए और अपना योगदान दे।
ग्रामीणों को टीकाकरण के लिए करें जागरूक
समाज प्रमुखों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा की ग्रामीण क्षेत्रों में आप सबकी पहुंच प्रभावी है। ग्रामीणों के मध्य शासन प्रशासन की बात पहुंचने की जिम्मेदारी आप बखुबी निभा सकते है। संक्रमण से बचाव के लिए आवश्यक है की ग्रामीण जन टीकाकरण करवाएं और इसमें प्रशासन का सहयोग करे। इसके लिए समाज प्रमुख आगे आएं और ग्रामीणों को टीकाकरण के लिए जागरूक करे, उन्हें टीकाकरण के लाभ से अवगत कराए और इसके साथ अखबारों तथा सोशल मीडिया में चल रही भ्रामक खबरों के प्रति सचेत करें। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों द्वारा जिन क्षेत्रों में टीकाकरण किया जा रहा है वहां के ग्रामीणों को टीकाकरण के लिए प्रेरित करे, ताकि ग्रामीण आगे आकर वैक्सीन ले और स्वयं के साथ परिवार को भी संक्रमण से सुरक्षित कर सकें।
प्रारंभिक लक्षण छुपाए नहीं, त्वरित इलाज से कोरोना को हराना है संभव
इस अवसर पर कलेक्टर विनीत नंदनवार ने कहा कि आमतौर पर ग्रामीण जन प्रारंभिक लक्षण को छुपाते है, जिससे बाद में संक्रमण की स्थिति गंभीर हो जाती है। प्रारंभिक लक्षण पता चलने पर व्यक्ति को तुरंत स्वास्थ्य सुविधा, दवा उपलब्ध होने से कोरोना को हराया जा सकता हैं। ग्रामीण कोविड संबधी लक्षणों होने की सूचना तत्काल क्षेत्र के नोडल को दे। जिससे उनका जांच किया जाकर उन्हें आवश्यक स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराई जा सके। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों के मन में कोविड संक्रमण को लेकर जो भ्रांतियां है उनका निराकरण करने में समाज के प्रतिष्ठित व्यक्ति अपनी महती भूमिका निभाएं, वे अपने गांव, पारा, मोहल्ला में लोगो को कोविड संबंधी जानकारी दें, उन्हें कोविड से बचाव के उपायों से अवगत कराएं और टीकाकरण के लिए प्रोत्साहित करें, ताकी जल्द से जल्द जिले के सभी पात्र लोगों का टीकाकरण सुनिश्चित हो सके।
ब्यूरो रिपोर्ट सुकमा : उपेंद्र नायक