रंग पंचमी के अवसर पर ‘रंग संग हम’ कविता की रचयिता – ‘यशा’ से एक मुलाकात…

रंग पंचमी 2024: हिंदू धर्म में होली की तरह ही रंग पंचमी का भी विशेष महत्व माना गया है और इस दिन भगवान श्रीकृष्ण व राधा रानी का पूजन किया जाता है. यह पर्व हर साल चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि के दिन आती है और पंचांग के अनुसार इस साल रंग पंचमी का पर्व आज 30 मार्च 2024, शनिवार के दिन मनाया जा रहा है. इस पर्व को मंदिरों में बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है और इस दिन हवा में गुलाल उड़ाने की विशेष परंपरा है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रंग पंचमी के दिन सभी देवी-देवता भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी के साथ होली के लिए धरती पर आते हैं, इसलिए इसे देव पंचमी के नाम से भी जाना जाता है.

जब रंग की बात हो ही रही है तो क्यों न हम इस रंग भरे पर्व पर ‘रंग संग हम’ शीर्षक से लिखी गई एक बेहद ही सुंदर कविता आपके साथ साझा करें…

रंग संग हम…

रंग कभी बेहद खूबसूरत,
तो कभी गमगीन लगते है..,
कभी अपने से,
तो कभी पराधीन लगते है..,
कभी रंग खिल उठते है चेहरों में,
तो कभी किसी के हाथों में ही रह जाते है..,
कभी रंग वादियों में होते है,
तो कभी सिर्फ खयालों में ही रंग जाते है..,
हर रंग की अपनी कहानी होती है,
कभी किसी को रंग – रंग जाते है,
तो कभी किसी के सारे रंग – रंग ले जाते है..,
पर हर किसी के रंग की अपनी कहानी होती है,
कभी किसी को रंग प्रेम का मिलता है,
तो कभी किसी का प्रेम रंग ले जाता है..!
पर रंग – रंग ही कहलाता है…!✍️य𝓼𝓱𝓪…

अब आपको इस कविता को लिखने वाली से परिचय करवा दें जिन्होंने इतने सुंदर ढंग से अपनी कविता में शब्दों को जीवन के रंगो के साथ पिरोया है आइये जानते हैं उन्हें उन्हीं की जुबानी…

मैं यशा , जिंदगी फाउंडेशन की डायरेक्टर। मैं एक शिक्षिका हूं जो मुखबधिर बच्चों को शिक्षा देने व किन्नर समुदाय के लिए कार्य करती हूं। समाज के लिए मुझे अपना दृष्टिकोण ,अपनी लेखनी द्वारा साझा करना पसंद है। मुझे अपने विचारों को खुल कर रखने के लिए न्यूज एडिशन 24 ने जगह दी जिसके लिए मैं उनका आभार व्यक्त करती हूं। उम्मीद है आपके माध्यम से मेरी लेखनी ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुँचेगी और लोगों की सोच पर छाप छोड़ेगी। आप सभी से अनुरोध है की आप सभी हमारी इस पहल को अपना प्रेम व आशीर्वाद देवे।

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