रोका-छेका अभियान कृषकों के लिए बना वरदान

सार :

पशुधन विकास विभाग के द्वारा जिले मे नरुवा, गरुवा, घुरुवा एवं बाड़ी योजना के अलावा फसलों एवं पशुधन को सुरक्षित रखने पारम्परिक प्रथा को 01 जुलाई से 31 जुलाई तक ग्रामीणों एवं किसानों के सहयोग से ग्रामों एवं सुदूर अंचलों मे वृहद स्तर पर पशुओं का रोका-छेका के रूप मे अभियान चलाया जा रहा है



विस्तार :

सुकमा, 23 जुलाई 2023/ छत्तीसगढ़ शासन के मंशानुरूप पशुधन विकास विभाग के द्वारा जिले मे नरुवा, गरुवा, घुरुवा एवं बाड़ी योजना के अलावा फसलों एवं पशुधन को सुरक्षित रखने पारम्परिक प्रथा को 01 जुलाई से 31 जुलाई तक ग्रामीणों एवं किसानों के सहयोग से ग्रामों एवं सुदूर अंचलों मे वृहद स्तर पर पशुओं का रोका-छेका के रूप मे अभियान चलाया जा रहा है।

कलेक्टर जिला सुकमा के निर्देशन एवं मुख्यकार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत के मार्गदर्शन से गौठानों एवं ग्रामों मे रोका-छेका अभियान से पशुओं को नियंत्रित रखा जा रहा है जिससे पशुओं के सड़क दुर्घटनाओं की संभावना वह खेतों मे खरीफ फसलों का नुकसान कम हुआ है।

डॉ.एस.जहीरुद्दीन, उपसंचालक पशु चिकित्सा विभाग के द्वारा बताया गया की गौठानों के बन जाने से पशुधन की संख्या मे वृद्धि हुई है तथा छत्तीसगढ़ शासन की नीतियों से गोबर, गौमूत्र खरीदी, खाद निर्माण से ग्रामीणों को आर्थिक उन्नति से आजीविका को बेहतर बनाने का अवसर प्राप्त हुआ है।

पशुधन विकास विभाग के कर्मचारियों द्वारा विषम परिस्थितियों के बावजूद समय-समय पर गौठानों एवं ग्रामों मे सतत भ्रमण कर रोका छेका अभियान के तहत पशु चिकित्सा व स्वास्थ्य जाँच शिविर आयोजित कर पशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण, उपचार, नस्ल सुधार हेतु पशुओं का बधियाकरण, कृत्रिम गर्भाधान, कृमिनाशक दवापान तथा मानसून मे वर्षा जनित संक्रामक रोगों से बचाव संबंधी आवश्यक जानकारियां दे कर गलघोंटू,एकटंगिया रोगों के विरुद्ध प्रतिबंधात्मक टीके से टीकाकरण वह औषधि वितरण किया जा रहा है।

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