Most Costly Vegetables : ये है सोने की कीमत की सब्जी, इसे है दुनिया की सबसे महंगी सब्जी होने का गौरव हासिल…

हम सब अधिकतर सब्जियां खरीदते ही हैं। जो मार्केट में प्राय: 40, 50, 60 या 100 रुपये किलो में मिल जाते हैं। आज हम आपको ऐसी सब्जी के बारे में बताने जा रहे हैं। जो सोने के भाव बिकती है। जिसकी कीमत बाजार में 85000 हजार से लेकर 1 लाख रुपये तक में मिलती है। आपको शायद विश्वास करना मुश्किल हो रहा है। लेकिन ये सच है। क्या आप लोगों ने ने इस सब्जी के बारे में सुना है। अगर आप नहीं सुने हैं तो आज हम बताने जा रहे हैं।

जैसा कि इस सब्जी की कीमत सर्वाधिक होती है। इसलिए इसे कामर्शियल सब्जी कहते हैं। कई प्रकार की कामर्शियल फसलें होती है। जिसकी लोग खेती कर करोड़ों रुपये तक कमाते हैं। अगर आप भी करोड़ों रुपये खेती से कमना चाहते हैं। तो यह आपके लिए अच्छी खबर हो सकती है।

हम जिस सब्जी के बारे में आपसे जिक्र करने जा रहे हैं। उसका नाम हॉप शूट्स है। ये सब्जी प्राय: यूपरोपीय देशों में पायी जाती है। भारत में यह हिमाचल प्रदेश में उगाई जा रही है। इसके फूल का इस्तेमाल मादक पेय (बीयर) बनाने के लिए किया जाता है।

हॉप शूट्स को दुनिया की सबसे महंगी सब्जी होने का गौरव हासिल है। और विदेशों में इसकी कीमत करीब 1000 यूरो प्रति किलो है। यानि भारतीय मुद्रा में 85 हजार रुपए प्रति किलो होता है। यह अलग-अलग देशों में 85 हजार से 1 लाख रुपए तक में बिकती है। हॉप शूट्स को सोने से भी महंगी सब्जी माना जाता है। और इसे खरीदने के लिए आपको 85 हजार से 1 लाख रुपए तक खर्च करने पड़ सकते हैं। इसका मतलब इस सब्जी को खरीदने के लिए शायद आपको लोन लेना पड़ जाये।

इस सब्जी को लेकर कई मेडिकल स्टडीज भी सामने आया है। जिसमें पाया गया है। यह कई पोषक तत्वों से भरपूर है। जो एंटीबॉयटिक गुण से भरपूर है। इसी कारण इसका इस्तेमाल जड़ी बूटियों में किया जाता है। हॉप शूट्स के औषधीय गुणों की पहचान सदियों पहले हो गई थी।

इसके डंठल को तपेदिक के इलाज के लिए काफी प्रभावित माना जाता है। हॉप शूट्स का इस्तेमाल दवाइयां बनाने में भी किया जाता है। हॉप्स को एक नियमित तापमान और छंटाई की आवश्कता होती है।

यूरोपीय देशों में इसकी खेती आज से नहीं बल्कि सन 1700 से पहले से होती आ रही है। इसकी खेती सबसे ज्यादा ब्रिटेन और जर्मनी जैसे यूरोपी देशों किया जा रहा है। 18वीं सदी की शुरूआत में इंग्लैंड में इस सब्जी पर टैक्स भी लगाया गया था। उस समय इंग्लैंड में इसकी खेती काफी बड़े पैमाने पर होने लगी थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *