प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को पूर्वोत्तर के राज्य मेघालय पहुंचे. जहां पीएम मोदी शिलांग में उत्तर पूर्व परिषद की स्वर्ण जयंती समारोह में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने 50 सालों के दौरान पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास में एनईसी के योगदान को उल्लेखित करने वाला स्मारक ग्रंथ ‘गोल्डन फुटप्रिंट्स’ भी जारी किया. इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य में 2,450 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया. इस दौरान पीएम मोदी ने बिना नाम लिए चीन को कड़ा संदेश दिया.
चीन से लगने वाली भारतीय सीमाओं पर चल रहे विकास कार्यों का ड्रैगन बॉर्डर हमेशा विरोध करता रहा है. साथ ही कई बार उसकी बौखलाहट भी सामने आ जाती है. इसी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत अपनी सीमाओं का विकास डंके की चोट पर करेगा और उसे इससे कोई ताकत नहीं रोक सकती. पीएम मोदी ने कहा कि, ‘लंबे समय तक देश में यह सोच रही है कि बॉर्डर एरिया में विकास हुआ, कनेक्टिविटी बढ़ी तो दुश्मन को फायदा होगा.
Political parties that had govts for a long time, had the mindset of ‘divide’ for NE. We’ve come with the mindset of ‘divine’. Be it different communities, regions – we are removing all divisions. Not borders of disputes, we’re building corridors of development in the NE: PM pic.twitter.com/a9HvlQcyRI
— ANI (@ANI) December 18, 2022
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, मैं तो कल्पना भी नहीं कर सकता हूं कि क्या ऐसा भी कभी सोचा जा सकता है. पहले की सरकार की इस सोच के कारण नार्थ-ईस्ट समेत देश के सभी सीमावर्ती क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बेहतर नहीं हो पाई. लेकिन आज डंके की चोट पर बॉर्डर पर नई सड़कें, नई टनल, नए पुल, नई रेल लाइन, नए एयर स्ट्रिप, जो भी आश्वयक है, एक के बाद एक…उसके निर्माण का काम तेज गति से चल रहा है. जो समीवर्ती गांव कभी वीरान हुआ करते थे, हम उन्हें वाइव्रेंट बनाने में जुटे हैं. पीएम ने कहा कि जो गति हमारे शहरों के लिए महत्वपूर्ण है, हमारे बॉर्डर पर भी वही गति होनी आवश्यक है. इससे यहां टूरिज्म भी बढ़ेगा और जो लोग गांव छोड़कर गए हैं, वे वापस लौट के आएंगे.’
AFSPA को लेकर कही ये बात
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, “बीते आठ सालों में कई संगठनों ने हिस्सा का रास्ता छोड़ा. AFSPA की जरूरत न पड़े, इसलिए राज्य सरकार के साथ मिलकर स्थितियों को सुधारा जा रहा है. हमारे लिए नॉर्थ ईस्ट बॉर्डर एरिया आखिर छोर नहीं है. दूसरे देशों से व्यापार और कारोबार भी यहीं से होता है.”