छत्तीसगढ़ प्रशासन को जारी किया गया 10 करोड़ रुपये का चेक हुआ बाउंस
News Desk : अगर आपका पैसा भी सहारा इंडिया में फंसा है और उसे निकालने के लिए आप लगातार कोशिश कर रहे हैं तो यह खबर आपके लिए जानना जरूरी है. सहारा में निवेश करने वाले ज्यादातर लोगों का पैसा अब तक नहीं मिला है. लेकिन अब छत्तीसगढ़ में सहारा और निवेशकों से जुड़ा नया मामला सामने आया है. दरअसल, छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में सहारा की तरफ से प्रशासन को जारी किया गया 10 करोड़ रुपये का चेक बाउंस हो गया है. इससे निवेशकों की मुसीबत बढ़ गई है.
राजनांदगांव पुलिस ने चार डायरेक्टर्स को किया था गिरफ्तार
राजनांदगांव के तमाम निवेशकों ने सहारा इंडिया के तहत संचालित होने वाली विभिन्न संस्थाओं में करोड़ों का निवेश किया था. रकम वापस नहीं मिलने पर कोतवाली पुलिस ने सहारा के चार डायरेक्टर्स के खिलाफ मामला दर्ज कर इन चारों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. चारों आरोपियों को रकम वापसी की शर्त पर अदालत से जमानत मिली. लेकिन सहारा की तरफ से प्रशासन को जारी किया गया 10 करोड़ का चेक बाउंस हो गया.
5 करोड़ ही खाते में डाले गए
मामले से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि चेक बाउंस होने के मामले में नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी. सहारा के चार डायरेक्टर्स को कोतवाली पुलिस ने 31 मई को न्यायालय में पेश किया था. यह भी बताया गया कि आरोपी डायरेक्टर्स की तरफ से मामला सामने आने के बाद प्रशासन के खाते में 15 करोड़ रुपये देने की बात कही गई थी. लेकिन 5 करोड़ ही खाते में डाले गए. सहारा से जुड़ी कंपनी सहारियन यूनिवर्सल मल्टीपरपरस सोसायटी के आरोपी मोहम्मद खालिद, शैलेष मोहन सहाय को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया था.
दूसरी तरफ समाचार पत्रों में सहारा की तरफ से प्रकाशित एक पत्र में दावा किया गया था कि उसने निवेशकों का पैसा सेबी के पास जमा कर दिया है. लेकिन सेबी का कहना है कि अब तक महज 81.70 करोड़ रुपये के लिए 53,642 ओरिजिनल बॉन्ड सर्टिफिकेट / पास बुक से जुड़े 19,644 आवेदन मिले हैं.
पिछले दिनों वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी की तरफ से लोकसभा में जानकारी दी गई थी कि सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन लिमिटेड (SIRECL) ने 232.85 लाख निवेशकों से 19400 करोड़ और सहारा हाउसिंग इनवेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (SHICL) ने 75 लाख निवेशकों से 6380 करोड़ रुपये की रकम इकट्ठा की थी.