विगत दिनों आदिवासी समाज के आह्वान पर ग्राम तूएगोंदी, थाना गुंडरदेही, जिला बालोद छत्तीसगढ़ में आदिवासियों पर हुए हमलों को लेकर बालोद जिला बंद का आह्वान किया गया था, इसी दौरान मंच से छत्तीसगढ़ क्रांति सेना के प्रदेश अध्यक्ष अमित बघेल के द्वारा अल्पसंख्यक एवं अहिंसक जैन समाज के धार्मिक गुरुओं के खिलाफ अभद्र, अनर्गल एवं बहुत ही घटिया शब्दों का प्रयोग करते हुए जैन समाज का अपमान किया गया।
सारे विश्व में अहिंसा का पाठ पढ़ाने वाले, आपसी प्रेम सद्भाव एवं भाईचारा बढ़ाने वाले, जियो और जीने दो का संदेश देने वाले और जगत के सभी प्राणीमात्र के प्रति करुणा भाव धारण करने वाले जैन मुनियों के बारे में ऐसी धारणा रखने वाले और खुले मंच से उनके प्रति ऐसी घटिया भाषा का प्रयोग करने वाले कि मानसिकता का अंदाजा स्वयं लगाया जा सकता है। अमित बघेल जिन्होंने आज जैन मुनियों के बारे में बहुत ही गंदे गंदे शब्दों का प्रयोग किया है, यह छत्तीसगढ़ राज्य जो कि आपसी प्रेम और सद्भाव के लिए जाना जाता है, के लिए अच्छा सूचक नहीं है और यह बयान इस प्रेम सद्भाव के वातावरण में जहर घोलने वाला कृत्य है।
समाज मे वैमनस्यकता फैलाने, अल्पसंख्यक समुदाय के धर्म गुरुओं के प्रति अपशब्द का प्रयोग करने, आपस में बैर को बढ़ावा देने, असामाजिकता फैलाने, जातिगत फूट डालने, आपसी रंजिश को बढ़ावा देने वाले, भड़काऊ भाषण देकर जनता को अनैतिक कार्य करने को उकसाने, बलि प्रथा को बढ़ावा देने आदि अन्य कुकृत्य के खिलाफ अमित बघेल अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ क्रांति सेना के खिलाफ FIR दर्ज कराने हेतु सकल जैन समाज कोंडागांव द्वारा पुलिस अधीक्षक को आवेदन देते हुए उन पर तत्काल कार्यवाही करने की माँग की गई!
वहीं समाज द्वारा कहा गया कि अगर शासन इस प्रकार की कृत्य पर संज्ञान लेकर कार्यवाही नहीं करेगी तो भविष्य में सभी जाति (विशेष कर अल्पसंख्यकों )को विशेष परेशानी होगी। छत्तीसगढ़ राज्य के इतिहास में इन शब्दों का प्रयोग किसी भी साधु के लिए नहीं किया गया है, यह एक बहुत ही निंदनीय कृत्य है। अमित बघेल द्वारा ना सिर्फ जैन मुनियों के प्रति अपशब्द कहे गए अपितु समय आने पर इंसानों तक को मारकर जीव बलि देने तक कि बात कही गई जो कि सर्व मानव समाज के लिए अपमान जनक है एवं उनकी घिनौनी सोच को दर्शाती है।
समाज ने अनुरोध किया कि माननीय पुलिस अधीक्षक महोदय इस विषय को बहुत ही गंभीरता से संज्ञान लेते हुए ऐसे निंदनीय कृत्य करने वालों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करे। जैन समाज जो कि सदा से ही अहिंसक समाज रहा है, ऐसे जैन समाज के खिलाफ ऐसे अनर्गल शब्दों का प्रयोग करना बहुत ही निंदनीय है। ऐसे कुकृत्य करने वालों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाए एवं शीघ्रातिशीघ्र गिरफ्तारी की जाए।
प्रशासन यदि इस कुकृत्य को रोकने में विफल होती है या किसी भी कार्यवाही में कोई कमी प्रदर्शित करती है तो सकल जैन समाज, भारतवर्ष एकजुट होकर स्वयं से ही इस विषय का संज्ञान लेते हुए आवश्यक कार्यवाही करेगा।
ब्यूरो रिपोर्ट कोंडागांव : विकास ललवानी