अगस्ता हेलिकॉप्टर खरीदी की हो सकती है जांच, सीएम ने दिए संकेत…

रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार 15 साल पहले खरीदे गए अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर सौदे की जांच करा सकती है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने खुद इसके संकेत दिए हैं। सोमवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, अगर इस तरह की मांग आती है तो विचार किया जाएगा। एक दिन पहले ही कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जन संचार विश्वविद्यालय में कबीर शोध पीठ के अध्यक्ष कुणाल शुक्ला और क्रञ्जढ्ढ एक्टिविस्ट अभिषेक प्रताप सिंह ने खरीदी प्रक्रिया को संदिग्ध बताते हुए जांच की मांग उठाई थी। कुणाल और अभिषेक का कहना है कि यह आशंका जताई जाती रही है कि अगस्ता हेलिकॉप्टर सरकारी खरीदी में घोटाला हुआ है। यह पैसा पनामा की किसी शेल कंपनी के खाते में जमा किया गया है। दोनों ने अभी तक औपचारिक शिकायत किसी प्राधिकारी को नहीं दी है। बताया जा रहा है, एक-दो दिन में यह मांग संबंधित अधिकारियों को लिखित में दी जाएगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 26 मई को बस्तर दौरे का यह चरण पूरा कर वापस लौटने वाले हैं। उसके बाद हेलीकाप्टर दुर्घटना वाले मुद्दे पर अधिकारियों के साथ चर्चा होनी है। संभावना जताई जा रही है कि उसी समय इस मामले की जांच संबंधी आदेश दिए जा सकते हैं।
12 मई की रात क्रैश हुआ था सरकारी हेलिकॉप्टर : राज्य सरकार की सरकारी हेलिकॉप्टर 12 मई की रात 9.10 बजे रायपुर एयरपोर्ट पर क्रैश हो गया था। पुलिस अधिकारियों ने बताया था, हेलिकॉप्टर के दो पायलट कैप्टन गोपाल कृष्ण पांडा और कैप्टन ए.पी. श्रीवास्तव नाइट फ्लाइंग की प्रैक्टिस कर रहे थे। इसी वक्त अचानक ये हादसा हुआ। हेलिकॉप्टर सीधा जमीन पर गिरकर क्रैश हो गया। इस हादसे में दोनों पायलट की मौत हो गई। जिस हेलिकॉप्टर से हादसा हुआ उसे 2007 में खरीदा गया था। केंद्र सरकार की एविएशन एजेंसी ष्ठत्रष्ट्र – नागर विमानन महानिदेशालय इस हादसे की जांच कर रहा है।
रमन सिंह से अभिषेक सिंह तक आया है नाम, जांच नहीं हुई : तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने अक्टूबर 2007 में अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर खरीदा था। इसके लिए 65 लाख 70हजार अमेरिकी डॉलर की बड़ी कीमत अदा की गई। इस सौदे पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने सवाल उठाए। कहा गया, खरीदी प्रक्रिया में एक स्टैंडर्ड मॉडल के लिए ग्लोबल टेंडर निकाला गया। यह सही नहीं था। यह भी सवाल उठा कि ऐसा ही हेलिकॉप्टर झारखंड सरकार ने 55 लाख 91 हजार अमेरिकी डॉलर में खरीदा था। यह भी बात आई कि सरकार ने कंपनी के साथ 61 लाख डॉलर में बातचीत तय कर ली थी, लेकिन अचानक ही बढ़ी हुई कीमत पर खरीदी कर ली गई। दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी का आरोप था, खरीदी से मिली दलाली और रिश्वत की रकम पनामा में अभिषेक सिंह के नाम से संचालित एक फर्जी कंपनी के खाते में जमा कराया गया था। तमाम हंगामे के बाद भी राज्य अथवा केंद्र सरकार ने इसकी जांच के आदेश नहीं दिए थे।
विमानन विभाग ने हेलीकॉप्टर का बीमा क्लेम किया : इस बीच राज्य सरकार के विमानन विभाग ने दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर के लिए बीमे का दावा कर दिया है। सरकार ने इस हेलीकॉप्टर के लिए ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी से बीमा कराया था। अब कुल 28 करोड़ रुपए का दावा भेजा गया है। इसमें हेलीकॉप्टर का बीमा 26 करोड़ रुपया और दो पायलटों की मौत का एक-एक करोड़ रुपये का दावा है। झीरम की जांच में अडंग़ा लगा रही बीजेपी : वहीं झीरम मामले पर सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि, 25 मई झीरम घटना के 9 साल पूरे हो रहे हैं. केंद्र में भी बीजेपी की सरकार है. अब तक झीरम मामले का सच सामने नहीं आने पर सीएम ने कहा, एनआईए से केस वापस लेने की बात होती है तो भारत सरकार हमें नहीं देती. दूसरा एफआईआर दर्ज होती है, तो एनआईए कोर्ट चले जाती है.आयोग के जांच को रोकने के लिए नेता प्रतिपक्ष हाईकोर्ट चले जाते हैं. बीजेपी अड़ंगा लगा रही सच सामने नहीं आने देना चाहती.
पेट्रोलियम पर एक्साइज कटौती से छत्तीसगढ़ को 500 करोड़ का नुकसान : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय वित्त मंत्री के बयान को खारिज कर दिया है। सोमवार को दंतेवाड़ा रवाना होने से पहले रायपुर हवाई अड्डे पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, ‘निर्मला सीतारमण जी का बयान आया है कि राज्यों को कोई नुकसान नहीं होगा। मुझे तो बिल्कुल समझ नहीं आया। सेंट्रल एक्साइज का 42त्न हिस्सा राज्यों को जाता है। यदि केंद्र सरकार सेंट्रल एक्साइज में कमी करती है तो इसका मतलब है कि हमारा हिस्सा कम होगा।

Report Raipur Bureau-Joy Fernandes.

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