जानिये कौन है IAS पूजा सिंघल….जिसने IAS पति को तलाक देकर की कारोबारी से शादी…ED को छापेमारी में मिले 19 करोड़…जानिये शादी से लेकर नौकरी तक का विवाद…

News Edition 24 Desk: माइनिंग घोटाले में ED की छापेमारी में IAS पूजा सिंघल की अकूत संपत्ति का खुलासा हुआ है। छापेमारी के बाद चर्चाओं में आयी पूजा सिंघल के पावर और पोजिशन के बारे में लगातार चौकाने वाले खुलासे आ रहे हैं। 48 घंटे की छापेमारी में पूजा सिंघल और उसके करीबियों के ठिकाने से अब तक करीब 20 करोड़ कैश जब्त किया गया है, जबकि 150 करोड़ की संपत्ति की जानकारी सामने आयी है। 21 साल और 7 दिन की उम्र में आईएएस कैडर में प्रवेश करने वाली सबसे कम उम्र की होने के कारण लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज करने वाली 2000 बैच की भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी पूजा सिंघल ( IAS Pooja Singhal ) अब ईडी और अन्य जांच एजेंसियों के शिकंजे में घिरती नजर आ रही है।

IAS के करीबी CA के पास से 19.31 करोड़ कैश मिले हैं। अभी भी जांच चल रही है, आशंका है कि अभी और भी संपत्ति का खुलासा होगा। शुक्रवार सुबह 5 बजे से देशभर में ये छापेमारी शुरू हुई थी। ये कार्रवाई झारखंड की सीनियर IAS पूजा सिंघल के पैतृक घर बिहार के मधुबनी में भी हुई, जहां से पूजा के ससुर कामेश्वर झा को भी गिरफ्तार किया गया है।
IAS पति से तलाक लेकर कारोबारी से की दूसरी शादी
पूजा सिंघल ने पहले IAS राहुल पुरवार से शादी की थी, लेकिन बाद में उसने आईएएस पति से तलाक ले लिया, बाद में पूजा ने रांची के कारोबारी अभिषेक झा से शादी कर ली। पूजा सिंघल के दूसरे पति अभिषेक झा के कई कारोबार हैं, जिसका रांची के कांके रोड के चांदनी चौक स्थित पंचवटी रेजिडेंसी में फ्लैट है। वहीं बरियातू के पल्स हास्पीटल के भी अभिषेक झा मालिक हैं। देहरादून में जन्मी सिंघल ने गढ़वाल विश्वविद्यालय देहरादून से स्नातक की पढ़ाई पूरी की और फिर अपने पहले प्रयास में आईएएस की परीक्षा पास की। वह अपने स्कूल के दिनों से लेकर विश्वविद्यालय की परीक्षा तक टॉपर की सूची में शामिल रही और उनका अकादमिक ट्रैक रेकॉर्ड काफी बेहतर रहा। आईएएस बनने के बाद हजारीबाग के रूप में एसडीओ में कार्य करने के दौरान उन्होंने विभिन्न गोदामों पर की और शिक्षा परियोजना की ओर से बच्चों को दी जाने वाली किताबों की अवैध बिक्री का भंडाफोड़ किया। पूजा सिंघल से ही शारीरिक रूप से अक्षम लोगों का डेटा एकत्र करने के लिए झारखंड में पहली बार विकलांग सर्वेक्षण भी किया। रिम्स निदेशक के रूप में भी लोग उनके योगदान को याद करते हैं। उन्होंने राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल की व्यवस्था को सुधारने में बड़ी भूमिका निभायी।

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