आरंग के रीवा और पाटन के तरीघाट में ढाई हजार साल पुराने मानव बस्ती के अवशेष…

उत्खन्न से आरंभिक ऐतिहासिक काल के आभूषण, गणेश, और लज्जा देवी की प्रस्तर मूर्ति, सोना, चांदी व तांबे के सिक्के भी मिले…

रायपुर: संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग द्वारा हाल ही में उत्खन्न के दौरान रायपुर जिले के आरंग तहसील अंतर्गत ग्राम रीवा और दुर्ग जिले के पाटन विकासखण्ड अंतर्गत तरीघाट में ढाई हजार साल पुराने मानव बस्ती के अवशेष मिले हैं। साथ ही उत्खन्न में आरंभिक ऐतिहासिक काल के आभूषण, प्रस्तर मूर्ति तथा चांदी व तांबे के सिक्के सहित अन्य पुरातत्विक महत्व के सामग्रियां प्राप्त हुई हैं।
उल्लेखनीय है कि राज्य गठन के बाद प्रदेश के पुरास्थलों की खोज, सर्वेक्षण और उत्खन्न की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। इस वर्ष (सत्र 2021-22) में पाटन तहसील के तरीघाट और आरंग तहसील रीवा में उत्खन्न हेतु राज्य सरकार द्वारा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को प्रस्ताव भेजा गया था। भारतीय पुरातत्व विभाग से अनुमति मिलने के बाद रीवा में बंधवा तालाब किनारे स्थित चंडी मंदिर के पास विस्तृत क्षेत्र में फैले टीले पर उत्खन्न का कार्य जारी है।

छत्तीसगढ़ संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के अधिकारियों ने बताया कि उत्खन्न से आरंभिक ऐतिहासिक काल के लगभग दो से ढाई हजार साल पुराने मानव बस्ती के अवशेष मिल रहे हैं। साथ ही उस काल के लोगों द्वारा प्रयुक्त टेराकोटा और धातु निर्मित आभूषण जैसे मनके, चूडिंयां, छल्ले, मृणमूर्तियां, गणेश और लज्जा देवी की प्रस्तर मूर्ति, उत्तरी कृष्ण मार्जित मृत्पात्र सहित, चांदी के आहत सिक्के, कलचुरी राजा रत्नदेव का स्वर्ण सिक्का, टेराकोटा और धातु के मुहर और मुद्राएं आदि मिल रहे हैं, जिससे प्राचीन छत्तीसगढ़ के एक अल्पज्ञात कालखंड का इतिहास प्रकाश में आने की पूरी संभावना है।

Report Raipur Bureau-Joy Fernandes.

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