News Edition 24 Desk: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद से ही कांग्रेस में बगावती सुर बुलंद होने लगे हैं। यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के इस्तीफे के बाद अब पार्टी के भीतर प्रियंका गांधी के इस्तीफे की मांग पुरजोर तरीके से उठने लगी है।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि हार किसी एक की नहीं यह सबकी जिम्मेदारी है। उनका कहना है कि पार्टी के ऊंचे ओहदों पर बैठे लोगों को भी आत्मंथन करके यूपी चुनाव की हार को लेकर सामुहिक जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी। कांग्रेस कमेठी के एक सदस्य ने प्रियंका गांधी के इस्तीफे की खुले तौर पर डिमांड की है।
”प्रियंका की टीम की वजह से 387 सीटों पर नहीं बचा पाए जमानत”
कांग्रेस सदस्य जीशान हैदर ने सोनिया गांधी को प्रियंका गांधी के इस्तीफे की मांग को लेकर सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी है। कांग्रेस सदस्य जीशान हैदर ने सोनिया गांधी को लिखे खत में कहा, कि पार्टी प्रियंका गांधी से भी महासचिव का पद वापस लें और उन्हें कार्यमुक्त कर दें। यही नहीं उन्होंने आगे लिखा, जब तक प्रियंका गांधी रहेंगी वही हराने वाले नौकर उनके साथ रहेंगे और वही टीम रहेगी। जीशान ने आगे लिखा कि प्रियंका गांधी की टीम की वजह से ही यूपी 38 7 विधानसभाओं में हमारी जमानत जब्त हुई है।
उन्होंने आगे कहा कि, ” कहा जाता है कि कांग्रेस पार्टी सबकी है, तो हमें लगता है जितनी कांग्रेस पार्टी आपकी है उतनी ही हम सबकी भी। पार्टी की अच्छाई के लिए कोई कदम हो तो उसे लेने में हिचकिचाना नहीं चाहिए”
यूपी चुनाव में 403 में से महज दो सीट जीतीं
कांग्रेस ने इस बार 403 में से केवल दो सीटों पर जीत हासिल की और उसे 2.33 प्रतिशत वोट मिले जबकि 2017 के विधानसभा चुनाव में सात सीटों पर जीत के साथ पार्टी को 6.25 प्रतिशत मत मिले थे.बीजेपी ने 403-सदस्यीय विधानसभा में 255 सीटें जीतीं और उसके सहयोगियों ने 18 अन्य सीटें जीतकर लगातार दूसरी बार सत्ता में वापसी का मार्ग प्रशस्त किया। उत्तर प्रदेश में सात चरणों में चुनाव हुए और 10 मार्च को नतीजे घोषित किए गए।
कांग्रेस ने इस बार 403 में से केवल दो सीटों पर जीत हासिल की और उसे 2.33 प्रतिशत वोट मिले जबकि 2017 के विधानसभा चुनाव में सात सीटों पर जीत के साथ पार्टी को 6.25प्रतिशत मत मिले थे। बीजेपी ने 403-सदस्यीय विधानसभा में 255 सीटें जीतीं और उसके सहयोगियों ने 18 अन्य सीटें जीतकर लगातार दूसरी बार सत्ता में वापसी का मार्ग प्रशस्त किया। उत्तर प्रदेश में सात चरणों में चुनाव हुए और 10 मार्च को नतीजे घोषित किए गए।