ऑनलाइन ई-प्रदर्शनी में ज़िले के नवाचारी शिक्षकों ने अपने नवाचार किए साझा…
सुकमा । श्री अरबिंदो सोसाइटी और एच.डी.एफ.सी. बैंक के देश व्यापी कार्यक्रम ‘शिक्षा में शून्य निवेश नवाचार’ के अंतर्गत देशभर के शिक्षकों को विभिन्न शून्य निवेश नवाचारों से उन्मुख और अवगत कराने और शिक्षकों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से श्री औरोबिंदो सोसाइटी ने सुकमा, छत्तीसगढ़ में ई-प्रदर्शनी आयोजित की। ज़िला सुकमा की इस ई-प्रदर्शनी का ZIIEI के ट्रेनर निखिल टेंबुलकर ने सफलतापूर्वक संचालन किया। शिक्षकों को प्रेरित करने, चयनित शिक्षकों के नवाचारों को व्यापक रूप से विकसित करने और देश के अन्य विद्यालयों तक पहुंचाने के उद्देश्य से ई-प्रदर्शनी की श्रृंखला की शुरुआत की गई है और इसी कड़ी में सुकमा, छत्तीसगढ़ के लिए वेबिनार का आयोजन किया गया। जिसमें सुकमा जिले के 21 शिक्षकों ने शून्य निवेश पर आधारित अपने नवाचारों को देश भर के शिक्षकों के साथ साझा किया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि नितिन डडसेना, जिला शिक्षा अधिकारी, सुकमा ने शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षकों का अनुभव उनके ज्ञान और समझ पर आधारित है। जब शिक्षक सक्रिय रूप से नवाचार करने के लिए प्रेरित होते हैं तो वे पूरी शिक्षा प्रणाली को एक नया रूप दे सकते हैं और नवाचारों को एक आदर्श के रूप में प्रस्तुत कर सकते हैं। जब हमारे शिक्षक घर में पड़ी अनावश्यक वस्तुओं से शिक्षण-सामग्री का निर्माण कर रहे हैं, यह उनकी रचनात्मकता और शिक्षा के प्रति उनका समर्पण है। शिक्षकों द्वारा संचालित की जाने वाली कक्षा गतिविधियाँ पाठ्यक्रम को सरल और सहज बनाती हैं। टी.एल.एम का उपयोग सही समय और सही स्थान पर करना बहुत आवश्यक है।
श्री औरोबिंदो सोसाइटी शून्य निवेश पर आधारित नवाचारों के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र में एक सकारात्मक प्रभाव ला रही है। ज़िला सुकमा, छत्तीसगढ़ के नवाचारी शिक्षकगण नित-प्रतिदिन नवाचार करते हैं जिससे विद्यार्थियों को लाभ मिलता है।
इस वेबिनार में उपस्थित शिक्षा अधिकारियों और शिक्षकों को संबोधित करते हुए अशोक शर्मा, राष्ट्रीय प्रशिक्षण प्रमुख,अरविंद सोसाइटी ने कहा कि विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए टी.एल.एम. (TLMs) का विशेष योगदान रहता है जो छात्र के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करता है। आशा है कि इस ई-प्रदर्शनी में प्रदर्शित की जा रही कक्षा-कार्य सामग्री अन्य विद्यालय के शिक्षकों और विद्यार्थियों के लिए उपयोगी साबित होगी। शिक्षकों के योगदान के बिना देश उन्नति नहीं कर सकता। शिक्षक जब परिवर्तन स्वीकार करते हैं तब वे विद्यार्थियों और समाज को परिवर्तन स्वीकार करने और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं। नवाचार वह परिवर्तन है जो पूर्व स्थित विधियों और पदार्थ आदि में नवीनता का संचार करता हैI भारत के शिक्षक शून्य निवेश नवाचारों द्वारा रचनात्मक और रोचक तरीकों से बच्चों को पढ़ा कर शिक्षा में आमूलचूल परिवर्तन ला रहे हैं। हमें विश्वास है कि देश भर के शिक्षकों को इस ई-प्रदर्शनी में साझा किए जा रहे नवाचारों का लाभ मिलेगा जिसे वे सभी अपने विद्यालयों में क्रियान्वित करेंगे।
कार्यक्रम में शिक्षकों को सम्बोधित करते हुए विशिष्ट अतिथि श्रीमती रेशमा कासिम, वरिष्ठ सहायक परियोजना समन्वयक, सुकमा, छत्तीसगढ़ ने शिक्षकों को विभिन्न शासकीय योजनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि गुणवत्तापरक शिक्षा द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति लाई जा सकती है। शून्य निवेश पर आधारित टी. एल. एम पर हमें विशेष रूप से बल देने की जरूरत है। हम सभी जानते हैं कि शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर प्रयास और सुधारों की आवश्यकता होती है और शिक्षकगण अपने नवचारों द्वारा इस जरूरत को पूर्ण करने में अपना सहयोग देते हैं, यह संभव कर पाते हैं। विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए टी.एल.एम. का विशेष योगदान रहता है जो छात्र के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करता है।
ऑनलाइन सम्मेलन इस ‘ई-प्रदर्शनी में विशिष्ट अतिथियों के रूप श्यामसुन्दर सिंह चौहान, जिला मिशन समन्वयक, सुकमा सम्मिलित रहे।