
कलेक्टर ने डीएफओ को बोरिया बिस्तर समेटने तक की दे दी चेतावनी…
कोरबा कलेक्टर रानू साहू और डीएफओ के बीच जमीन आबंटन मामले को लेकर बात तनातनी तक पहुँच गई है।बात इस कदर बढ़ गई कि कलेक्टर ने डीएफओ को बोरिया बिस्तर समेटने तक की चेतावनी दे दी। आईये विस्तार से जानते हैं IAS और IFS के बीच किस बात को लेकर छिड़ी जंग…

दरअसल बीते 17 दिसंबर को कलेक्टर कार्यालय की ओर से कटघोरा वन मंडल की डीएफओ शमा फारूकी को पत्र लिखकर एकलव्य आवासीय विद्यालय, बालक छात्रावास, कन्या छात्रावास, जल आपूर्ति हेतु पाइप लाइन लगाने, खेल मैदान और आवासीय परिसर के लिए कुल छह हेक्टेयर जमीन आवंटित किए जाने की मांग की गई थी। डीएफओ ने नियमों का हवाला देते हुए जमीन देने से मना कर दिया, जिसके बाद वीडियो कांफ्रेंसिंग में कलेक्टर और डीएफओ के बीच इस मसले पर बातचीत हुई। बताते हैं कि ऐसे ही एक मामले में सरगुजा में आवंटित किए गए जमीन का उदाहरण देकर अलग-अलग टुकड़ों में जमीन दिए जाने की बात कहीं गई, जिस पर डीएफओ ने पूर्व में जारी नियमों का हवाला देते हुए जमीन आवंटित किए जाने की अड़चनों का जिक्र किया।
बस फिर क्या था ! कलेक्टर और डीएफओ के बीच बात बिगड़ती चली गई। बात यहाँ तक आ गई कि कलेक्टर ने डीएफओ से कह दिया कि वह एसडीओ को चार्ज देकर 15 दिनों की छुट्टी पर चली जाए। एसडीओ के जरिए यह प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। इस पर डीएफओ ने कहा कि, एसडीओ की रिपोर्ट के आधार पर जमीन नहीं दिए जाने का निर्णय लिया गया है। इसके बाद डीएफओ शमा फारूखी ने मंत्री मो.अकबर से मिलकर इस पूरे मामले की शिकायत कर दी। शिकायत में उन्होंने कहा है कि कलेक्टर रानू साहू ने जमीन आवंटित नहीं किए जाने पर बोरिया बिस्तर समेटने तक की धमकी दी है एवं कलेक्टर ने डीएफओ से यह तक कह दिया कि इस मामले में उनकी बात सीएम हाउस तक हो चुकी है।
इस बीच वन महकमे की ओर से लैंड मैनेजमेंट संभाल रहे अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक सुनील मिश्रा ने नया निर्देश जारी कर स्पष्ट किया है कि एक हेक्टेयर से ज्यादा वन भूमि का आवंटन ना किया जाए। बता दें कि IFS एसोसिएशन ने भी इस घटना पर आपत्ति जताई है।