नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने 22 जनवरी तक मतदान वाले राज्यों में चुनावी रैलियों और रोड शो पर रोक लगा दी है। मतदाताओं को लुभाने के चुनावी प्रलोभनों के नए तरीकों को भी जानें पर्यवेक्षक चुनाव आयोग ने चुनावी राज्यों में नियुक्त होने वाले पर्यवेक्षकों के साथ शुक्रवार को हुई बैठक में उन्हें जरूरी निर्देश दिए। खासतौर पर चुनाव खर्च के पर्यवेक्षकों से मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि वे मतदाताओं को लुभाने के नए-नए तरीकों का पता करके निगरानी करें। इन अधिकारियों को उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा में तैनात किया जाना है, जहां पर 10 फरवरी से विधानसभा के चुनाव होने हैं। बैठक में आयुक्त राजीव कुमार और अनूप चंद्र पांडे ने भी पर्यवेक्षकों को चुनावों में जिम्मेदारियों के बारे में बताया। इसके अलावा सुरक्षा को लेकर भी समझाया गया।
नये दलों को आयोग ने दी राहत चुनाव आयोग ने चुनावी राज्यों में नये राजनीतिक दलों को पंजीकरण कराने में राहत देते हुए नोटिस की अवधि को 30 दिनों से घटाकर 7 दिन कर दिया है। आयोग ने कोविड-19 की वजह से लागू पाबंदी के मद्देनजर यह फैसला किया है। आयोग ने अपने बयान में कहा है कि मौजूदा दिशानिर्देश के मुताबिक नयी पार्टी के पंजीकरण के लिए गठन से 30 दिन के भीतर आवेदन करना होता है और आवेदक को पार्टी के प्रस्तावित नाम को दो राष्ट्रीय दैनिकों और दो स्थानीय दैनिकों में दो दिन प्रकाशित करना होता है। इससे संबंधित आपत्ति यदि कोई है तो उसे नोटिस प्रकाशित करने 30 दिनों के भीतर जमा करना होता है।