पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी ही निकला घपले वाली डायरी का मास्टर माइंड…

News Edition 24 Desk : विगत कई दिनों से शिक्षा विभाग की घोटाले वाली डायरी की चर्चा प्रदेश में हड़कंप मचाई थी। डायरी को लेकर विपक्ष को भी सरकार को घेरने की कुंजी मिल गई थी। विपक्ष भी मामला प्रकाश में आते ही हमलावर हो गई थी। बहरहाल पूरा मामला फर्जी और मनगढंत निकला,यह डायरी नकली निकली जिसकी कहानी पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी ने गढ़ी थी। यही इस पूरे प्रकरण के मास्टर माइंड थे।

आपको बता दें जीआर चंद्राकर कुछ महीने पहले रायपुर के जिला शिक्षा अधिकारी थे। शहर के हर स्कूल में इनका खूब रौब हुआ करता था। पुलिस ने जीआर चंद्राकर एवं अन्य सहयोगी होम्योपैथी कॉलेज के सचिव संजय कुमार ठाकुर और टायपिस्ट कपिल कुमार देवदास को पकड़ा है।

रायपुर पुलिस के SSP प्रशांत अग्रवाल ने इन गिरफ्तारियों की जानकारी देते हुए कहा कि पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी चंद्राकर को रिटायरमेंट के बाद संविदा पर पोस्टिंग चाहिए थी। ये पोस्ट नहीं मिली तो इसने जिला शिक्षा अधिकारी ए.एन. बंजारा, संयुक्त संचालक के. सी. काबरा, तत्कालीनओ.एस.डी. आर. एन. सिंह, ए. बी.ई.ओ. प्रदीप शर्मा और मंत्री के निज सचिव अजय सोनी के खिलाफ एक घोटाले की कहानी रच दी, एक डायरी में मंत्री प्रेम साय टेकाम का नाम लिखकर हजारों कर्मचारियों से पोस्टिंग, ट्रांसफर के नाम पर रुपए लेने की बात लिखी। कुल 366 करोड़ के लेन-देन का जिक्र किया। एक शिकायत पत्र तैयार करके इसमें लोक शिक्षण संचालनालय के उप संचालक आशुतोष चावरे के नाम का इस्तेमाल किया। ये शिकायती पत्र कई अफसरों, मीडिया हाउस और नेताओं को डाक के जरिए भेज दिए ।

पुलिस के मुताबिक जीआर चंद्राकर ने घपले की शिकायत का फर्जी लेटर असली लगे इसके लिए अपने साथी कपिल कुमार की मदद ली। कपिल को अफसर आशुतोष चावरे के नाम से शिकायत टाईप करने और उप संचालक लोक शिक्षण के नाम से सील (रबर) तैयार करने के लिए 2500 रुपए दिए। इसी के आधार पर फर्जी शिकायती पत्र तैयार करके वायरल किया गया।

चंद्राकर ने अपने साथी संजय सिंह के साथ मिलकर कई लोगाें का नाम लिखकर लेन-देन की बात एक डायरी में लिखी, बाद में इस डायरी को जलाकर नष्ट कर दिया। कुछ में दस्तावेज संजय के पास ही थे, जिसे पुलिस ने बरामद कर लिया है। चूंकि खुद चंद्राकर शिक्षा विभाग में अफसर था, उनसे ट्रांसफर, पोस्टिंग में उन्हीं कर्मचारियों और अफसरों के नाम का इस्तेमाल किया जिनका असल में ट्रांसफर या पोस्टिंग की गई है, ताकि मामला असल लगे।

उप संचालक लोक शिक्षण आशुतोष चावरे द्वारा थाने में शिकायत दर्ज कराने के बाद आए पकड़ में …

प्लान के मुताबिक सब ठीक चल रहा था। पिछले कुछ दिनों में डाक के जरिए अपनी बनाई डायरी की डिटेल और फर्जी शिकायती पत्र मीडिया और नेताओं को भेजने में तीनों कामयाब रहे। मकर जब उप संचालक लोक शिक्षण आशुतोष चावरे ने थाने में जाकर ये शिकायत कर दी कि उनके नाम से जो शिकायती खत इधर-इधर भेजे जा रहे हैं उसमें उनके हस्ताक्षर नहीं हैं, तो मामला खुला। पुलिस ने डाक में आई चिट्ठियों को भेजने वालों का पता लगाया, CCTV कैमरों की जांच से पुलिस के हाथ कपिल तक पहुंचे और कपिल ने सारा राज उगलकर चंद्राकर और संजय सिंह को भी पकड़वा दिया।

ब्यूरो रिपोर्ट रायपुर : जॉय फर्नांडीस

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