
महिलाओं को मिल रहा रोजगार का साधन
सुकमा । घरेलु कामकाजी महिलाए शासन की योजनाओं से जुड़कर स्व-रोजगार के साधनों को अपना रही है। वहीं घर के कामों से समय निकाल कर अतिरिक्त समय गोठानों में संचालित मल्टी एक्टिविटी के कार्यों में लगा रही है। इन कार्यों से महिला समूह को अतिरिक्त आय अर्जित हो रही है।

शासन की महत्वाकांक्षी सुराजी गांव योजना के तहत् सुकमा जिले में 88 गौठान का निर्माण किया गया है। जहां मल्टी एक्टिविटी के तहत् सामुदायिक बाड़ी गतिविधियों का संचालन महिला स्व-सहायता समूह के माध्यम से किया जा रहा है। महिलाओं ने अपनी रोजमर्रा जीवन के काम-काज के साथ ही गांव के गौठान में की अपनी आत्मनिर्भरता का परिचय दिया है। वहीं कई प्रकार की गतिविधियों को आजीविका का साधन बनाकर एक मिशाल के रुप में स्थापित किया है। समूह की महिलाओं ने गोठान में जैविक खाद उत्पादन, मुर्गी पालन (कड़कनाथ) अण्डा उत्पादन, मछली पालन, सब्जी उत्पादन के साथ-साथ मशरूम उत्पादन कर आत्मनिर्भरता के साथ अच्छे आय का स्त्रोत बनाया है।

गीदमनाला रामपुरम और रामराम गौठान जिले के आदर्श गोठानो के रूप में स्थापित हुए है। यहां महिला समूहों द्वारा रोजगार मूलक कार्यों के जरिए आत्मनिर्भरता के नए आयाम हासिल किए है। गोठान में गायत्री स्व. सहायता समूह ने शबरी लेयर फॉर्मिंग के जरिए अण्डा उत्पादन कर 68000 रुपये और मशरूम उत्पादन से 24421 रुपये अर्जित किया है। इसी तरह दुर्गा स्व- सहायता समूह के द्वारा सब्जी उत्पादन से 39457 रुपए तथा वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन से 36847 रुपए का लाभ अर्जित किया है। वहीं मतस्य विभाग की योजनाओं से गायत्री स्व-सहायता समूह को मछली बीज प्रदाय किया गया है। समूह के द्वारा सम्नावित प्रणाली के तहत् मुर्गी पालन के साथ-साथ मतस्य पालन किया जा रहा है। आगामी एक वर्ष पश्चात् समूह की आय 25000 से 30000 हजार रुपये की होगी, इसके साथ ही स्व-सहायता समूह के द्वारा केले की खेती की योजना बनाई जा रही है। जिसके तहत् समूह को अतरिक्त आय प्राप्त होगी।