संयुक्त किसान मोर्चा के बंद के आव्हान को सीपीआई व आनुसांगिक संगठनों ने दिया समर्थन…

प्रतिष्ठान बंद रख, बंद का समर्थन करने वाले समस्त व्यापारिक प्रतिष्ठान संचालकों का आभार…

कोंडागांव ब्यूरो : संयुक्त किसान मोर्चा के बंद के आव्हान को सीपीआई व आनुसांगिक संगठनों द्वारा अपना समर्थन देते हुए केन्द्र सरकार द्वारा पारित कृषि संबंधी तीनों अध्यादेश किसान के हित में ना होने से तत्काल वापस लिये जाने की मांग को लेकर जिला मुख्यालय कोण्डागांव के फव्वारा चैक में 27 सितम्बर 2020 को एक दिवसीय धरना प्रदर्शन करके महामहीम राष्ट्रपति, प्रधान मंत्री, महामहीम राज्यपाल, मुख्य मंत्री को सम्बोधित ज्ञापन को कलेक्टर कार्यालय कोण्डागांव में सौंपा गया।

सौंपे गए ज्ञापन में लेख किया गया है कि केन्द्र सरकार द्वारा पारित किया गया तीनों अध्यादेश भारत के करोड़ों किसान परिवारों के भविष्य से जुड़े हुए हैं। केन्द्र सरकार का ‘एक राष्ट्र एक बाजार अध्यादेश’ किसानों के हित में नहीं है। इससे मण्डी का ढांचा खत्म होगा, जो किसानों और छोटे व मझोले व्यापारियों दोनों वर्ग के लिए लाभप्रद नहीं है। किसानों को उनकी उपज का न्यूनतम समर्थन मुल्य नहीं मिल सकेगा। केन्द्र सरकार ने इस बात की कोई गारण्टी नहीं दी है, कि कम्पनियों द्वारा किसानों की उपज की खरीद समर्थन मुल्य पर किया जाएगा।

केन्द्र सरकार के इस कानून से सबसे बड़ा खतरा यह होगा कि जब फसलें तैयार होंगी, उस समय बड़ी-बड़ी कम्पनीयां जान बुझकर किसानों के उपज के दाम को गिरा देंगी, एवं उसे बड़ी मात्रा में स्टोर कर लेंगी, जिसे बाद में ग्राहकों को उंचे दामों पर बेचेंगी। केन्द्र सरकार ने आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 में संशोधन कर आलु, प्याज, दलहन, तिलहन व तेल के भण्डारण पर लगी रोक को हटा लिया गया है। हमारे देश में 85 प्रतिशत किसान ऐसे हैं जिनके पास लम्बे समय तक भण्डारण की व्यवस्था नहीं है, यानि यह कानुन बड़ी कम्पनियों द्वारा कृषि उत्पादों की कालाबाजारी के लिये लाया गया है, ये कम्पनियां अपने बड़े-बड़े गोदामों में कृषि उत्पादों का भण्डारण करेंगे एवं बाद में उच्चे दामों पर ग्राहकों को बेचेंगे। तीसरा अध्यादेश सरकार द्वारा काॅन्ट्रेक्ट फार्मिंग के विषय में लागु किया किया गया है, जिसके तहत काॅन्ट्रेक्ट फार्मिंग को बढ़ावा दिया जाएगा, जिसमें बड़ी-बड़ी कम्पनियां खेती करेंगी एवं इस अध्यादेश के तहत किसान अपने खेत में सिर्फ मजदूर बन कर रह जाएंगे। अतः तीनों कृषि संबंधी अध्यादेश किसानों के हित में नहीं होने से, किसानों के हित में तीनों अध्यादेश तत्काल वापस लिया जाय अन्यथा किसानों को तीव्र आन्दोलन करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा जिसकी जिम्मेदारी शासन की होगी।

उक्त धरना-प्रदर्शन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी कोण्डागांव तिलक पाण्डे जिला सचिव व राज्य परिषद् सदस्य के नेतृत्व में और शैलेश राज्य परिषद् सदस्य, बिरज नाग जिला अध्यक्ष अखिल भारतीय किसान सभा, बिसम्बर मरकाम जिला अध्यक्ष एआईवायएफ, जयप्रकाश नेताम जिला सचिव एआईवायएफ, दिनेश मरकाम एआईएसएफ, लक्ष्मण महावीर, मुकेश मंडावी जिला अध्यक्ष आदिवासी महासभा, नंदूलाल नेताम, रामचंद्र नाग, फगनू पोयाम, काहरू नाग, रमेश पोयाम, धनीराम मरकाम, नरेंद्र सोरी, राजेश पोयाम, सरादूराम, अनिल कुमार नाईक, कुमार मंडावी, बलदेव यादव, बिसनाथ, सगराम बघेल, मंगल मंडावी, चेतमन पोयाम आदि सहित अन्य कम्युनिस्ट सदस्यों के साथ आंदोलन में डटे नजर आए। वहीं सीपीआई व आनुसांगिक संगठनों के आव्हान पर अपनी प्रतिष्ठानें बंद रखकर, बंद का समर्थन करने वाले समस्त व्यापारिक प्रतिष्ठान संचालकों का आभार प्रकट किए जाने के साथ ही बंद के दौरान होने वाले कष्ट/परेशानी के लिए खेद प्रकट किया गया है।

ब्यूरो रिपोर्ट कोंडागांव : विकास ललवानी

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