भारत जैसे विकासशील देश में जितना अधिक महत्व लोकतंत्र का है उतना ही महत्व इंजीनियर्स का भी है जो देश के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आज के समय मे हर देश इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र मे आगे निकला चाहता है, किसी भी देश को विकास करने के लिए उसके पास अच्छे इंजीनियर्स का होना बहुत ज़रूरी है। आज भारत इंजीनियरिंग के क्षेत्र मे इतना आगे निकाल गया है इसका श्रय देश के होनहार और काबिल इंजीनियर्स को जाता है। आज हम अपने दैनिक जीवन मे जो कुछ भी प्रयोग मे लेते है वो सब कही न कही इंजीनियरिंग की ही देन है।
भारत में इस इंजीनियरिंग की शुरुवात की थी सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया जिनके याद मे हम Engineers Day मनाते है। वही आज हम अंतरराष्ट्रीय लोकतांत्रिक दिवस भी मना रहे हैं भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है इसलिए भारत में इस दिवस को मनाने का महत्व और भी बढ़ जाता है। पूरी दुनिया 15 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं। लोकतंत्र का मतलब यह कि जनता का जनता के लिए और जनता के द्वारा चुना जाता है। लोकतंत्र का अर्थ सिर्फ लोगों का लोगों के द्वारा लोगों के लिए नहीं है इसका अर्थ व्यापक है। यह सामाजिक आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक है। देश में रहने वाले सभी लोगों को समाज में समान अवसर प्राप्त हो, देश के सभी लोग राजनीति में समान भागीदारी रखें। तो आइये जानते हैं अभियंता दिवस और अंतरराष्ट्रीय लोकतांत्रिक दिवस के बारे में ढेर सारी बातें
अभियंता दिवस (इंजीनियर्स डे)
दुनिया के कई देशों में अलग-अलग तारीखों पर इंजीनियर्स डे (Engineers Day) मनाते हैं| भारत में इंजीनिरिंग समुदाय 15 सितम्बर को महान भारतीय इंजीनियर ‘भारतरत्न’ ‘मोक्षगुण्डम विश्वेश्वराय’ को उनकी जन्मतिथि के दिन श्रद्धांजलि देते हुए इंजिनियर्स डे मनाते हैं |
मोक्षगुण्डम विश्वेश्वराय कौन थे
मोक्षगुण्डम विश्वेश्वराय का जन्म 15 कर्नाटक के कोलर जिले में मुद्देनहल्ली गाऊं में हुआ| उन्होंने 1881 में सेंट्रल कॉलेज ऑफ़ बैंगलोर से बी.ए. करके 1883 में कॉलेज ऑफ़ साइंस, पुणे से सिविल इंजिनीरिंग करी| फिर 1884 में लोक निर्माण विभाग, बॉम्बे से सहायक अभियंता के रूप में अपने करियर की शुरुआत की| बाद में वो इंडियन इरीगेशन कमिशन में शामिल हो गए| | उन्होंने पूरी मेहनत और दृढंता के साथ काम किया और 1909 में मैसूर में मुख्य अभियंता के रूप में पदोन्नत हुए| उनके किये गए प्रतिष्ठित कार्यों में से एक 1903 में स्थापित पुणे के खडकवासला जलाशय में स्वचालित वॉटर फ्लडगेट्स थे, जो उनके द्वारा डिज़ाइन और पेटेंट भी किये गए| बाद में यह प्रणाली मैसूर के कृष्णानगर डैम और ग्वालियर के टिगरा डैम में भी इस्तेमाल की गई| कर्नाटक के मंडया जिले में स्थित कृष्णा राजा सागर डैम के निर्माण में भी वो मुख्य अभियंता थे| वह 1912 से 1919 के बीच मैसूर के दीवान भी रहे|
इंजिनीयर्स डे क्यों मनाते हैं
इंजिनीयर्स डे मनाने के पीछे उन सभी इंजिनियर्स का मनोबल ऊँचा करना है जो अपनी मेहनत और समर्पण से अकल्पनीय स्ट्रक्चर को भी संभव कर दिखाते हैं| राष्ट्र निर्माण में उनकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है| इस दिन हमें 1955 में भारत रत्न सम्मानित’मोक्षगुण्डम विश्वेश्वराय’ को भी याद करके उनसे प्रेरणा लेने का मौका मिलता है| इनके ही नक्शेकदम पर चलकर, भारत के इंजिनियर्स ने दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई है।
अंतराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस (इंटरनेशनल डे ऑफ़ डेमोक्रेसी)
भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है और अपने मूल्यों को भली भाँती समझता है| लेकिन विश्व में कई ऐसे देश हैं जहाँ की जनता अपने देश में भी लोकतंत्र बहाली चाहती है| सयुंक्त राष्ट्र महासभा ने लोकतंत्र के सिद्धांतों को प्रोत्साहित करने के लिए वर्ष का एक दिन इंटरनेशनल डे ऑफ़ डेमोक्रेसी के रूप में मनाने का संकल्प लिया है| आइये जानते हैं कब मनाया जाता है अंतराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस (International Day of Democracy) और क्या है इस वर्ष का विषय (International Day of Democracy 2021 Theme):
इंटरनेशनल डे ऑफ़ डेमोक्रेसी कब मनाया जाता है?
इंटरनेशनल डे ऑफ़ डेमोक्रेसी हर वर्ष 15 सितम्बर को मनाया जाता है| दरअसल 15 सितम्बर 1997 को इंटर पार्लियामेंट्री यूनियन (आई.पी.यू) ने लोकतंत्र के सिद्धांतों, लोकतांत्रिक देशों के काम के तरीकों और लोकतंत्र के अंतराष्ट्रीय दायरों की पुष्टि के लिए एक घोषणा (यूनिवर्सल डिक्लेरेशन ऑफ़ डेमोक्रेसी) करी और उसे अपनाया| वर्ष 2006 में दोहा, क़तर में हुए छठे “नए और पुनर्स्थापित लोकतंत्र के अंतराष्ट्रीय सम्मलेन” (ICNRD-6) में सरकारों, संसदों और नागरिक समाज की भागीदारी के साथ प्रक्रिया की त्रिपक्षीय प्रकृति को सुदृढ़ किया और यह छठा सम्मलेन एक घोषणा और कार्य योजना के साथ संपन्न हुआ जिसने लोकतंत्र के मौलिक सिद्धांतों और मूल्यों की पुष्टि की| इस छठे ICNRD (इंटरनेशनल कांफ्रेंस ऑन न्यू एंड रिस्टोर्ड डेमोक्रेसी) के बाद क़तर द्वारा स्थापित एक सलाहकार बोर्ड ने अंतराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस को बढ़ावा देने का निर्णय लिया| क़तर ने सयुंक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव का मसौदा तैयार करने का बीड़ा उठाया और सदस्य देशों के साथ परामर्श किया| इंटर पार्लियामेंट्री यूनियन (आई.पी.यू) के सुझाव पर 15 सितम्बर (लोकतंत्र पर यूनिवर्सल घोषणा की तिथि) को इंटरनेशनल डे ऑफ़ डेमोक्रेसी मनाया जाने लगा| 08 नवंबर 2007 को सर्वसहमति से “नए और पुनर्स्थापित लोकतंत्रों को बढ़ावा देने के लिए सरकारों के प्रयासों को सयुंक्त राष्ट्र प्रणाली द्वारा समर्थन” नामक संकल्प को सर्वसम्मति से अपनाया गया| और वर्ष 2008 से प्रत्येक वर्ष 15 सितम्बर “इंटरनेशनल डे ऑफ़ डेमोक्रेसी” के रूप में मनाया जाने लगा|
लोकतंत्र का अंतर्राष्ट्रीय दिवस 2021 थीम:
यह दिन सभी सदस्य देश और संगठनों को डेमोक्रेसी के इस खास दिन को उचित तरीके के मनाने के लिए आमंत्रित करता है जो इस विषय की जन जागरूकता बढ़ाने में भी योगदान देता है|