
रायपुर:- राज्य पुलिस सेवा और राज्य वन सेवा के अधिकारियों को भारतीय पुलिस सेवा (आइपीएस) और भारतीय वन सेवा (आइएफएस) में पदोन्नति के लिए सोमवार को विभागीय पदोन्नति समिति (डीपीसीएस) की बैठक मंत्रालय में हुई। पुलिस के दो और वन सेवा के पांच अफसरों को पदोन्नति मिलनी है। समिति ने बैठक में तय किए गए नामों की सूची संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को भेज दी है। महीने भर के भीतर दिल्ली से सूची जारी हो सकती है।
नवा रायपुर स्थित मंत्रालय में हुई डीपीसी की बैठक में राज्य के मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अतिरिक्त मुख्य सचिव सुब्रत साहू और यूपीएससी के सदस्य एयर मार्शल (सेनि) अजीत शंकर राव भोसले शामिल हुए। इनके साथ ही पुलिस वालों की पदोन्नति के लिए हुई बैठक में डीजीपी डीएम अवस्थी व वन सेवा के अफसरों के लिए हुई बैठक में प्रमुख सचिव वन मनोज पिंगुआ और पीसीसीएफ राकेश चतुर्वेदी शामिल हुए।
सिंह व छवई के नाम पर मुहर!
आइपीएस के दो पदों के लिए राज्य पुलिस सेवा के आधा दर्जन अधिकारियों का पैनल बनाया गया था। इनमें 96 बैच के धर्मेंद्र छवई और 97 बैच के डीएस मरावी का नाम सबसे बताया जा रहा है। वार्षिक गोपनीय चरित्रावली (एसीआर) को लेकर दिक्कत की वजह से इन दोनों अधिकारियों का 2019 में नंबर नहीं लग सका था। इनके साथ केंद्रीय अर्द्ध सैनिक बल से राज्य पुलिस सेवा में आए 97 बैच के वायपी सिंह का पिछली डीपीसी में लिफाफा बंद हो गया था। पैनल में उमेश चौधरी, मनोज खिलाड़ी, रवि कुर्रे और सीडी टंडन का नाम शामिल है। चर्चा है कि कमेटी ने सिंह व छवई के नाम को हरी झंडी दे दी है।
आईएफएस के लिए पांच नाम तय
राज्य वन सेवा के पांच अफसरों का नाम तय हो गया है। इनमें लक्ष्मण सिंह, चुरामणि सिंह, पुष्पलता, शमा फारुखी और लोकनाथ पटेल का नाम शामिल है। कमेटी ने इन पांचों अफसरों को आइएफएस के लिए हरी झंडी देते हुए लिफाफा यूपीएससी को भेज दिया है।
इस वजह से विरोध
वायपी सिंह पहले बीएसएफ में थे और कमांडेंट रैंक पर लंबे समय तक राजनांदगांव में पदस्थ रहे। 2017 में तत्कालीन सरकार ने उन्हें कैबिनेट के जरिये राज्य पुलिस सेवा में ले लिया। उन्हें राज्य पुलिस सेवा का 1997 बैच मिला। वहीं, धर्मेंद्र छवई मध्य प्रदेश में पदस्थ थे। 2018 में अचानक वे कैडर बदलकर छत्तीसगढ़ आ गए। यही वजह है कि राज्य पुलिस सेवा के अफसर दोनों अफसरों को आइपीएस अवार्ड किए जाने के खिलाफ हैं।