पोलावरम बांध की ऊंचाई बढ़ाकर
गोदावरी जल विवाद अभिकरण की शर्तों का किया जा रहा उल्लंघन : पूर्व विधायक कृष्ण कुमार ध्रुव

केशकाल । केशकाल विधानसभा के पूर्व विधायक कृष्ण कुमार ध्रुव ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर गोदावरी नदी पर बन रहे इंदिरा सागर (पोलावरम) बांध की ऊंचाई कम करने की मांग किया है।
ध्रुव का कहना है कि पोलावरम बांध की ऊंचाई अब 150 फीट से बढ़कर 177.44 फीट करके
गोदावरी जल विवाद अभिकरण की शर्तों का उल्लंघन किया जा रहा है । अब बांध की ऊंचाई 177.44 फीट प्रस्तावित किया गया है जो 7 अगस्त 1978 के अनुबंध में उल्लेखित स्तर से 27.44 फीट अधिक है। इसके अलावा सुरक्षात्मक तटबंधों का निर्माण जलाशय स्तर पर न कर शबरी नदी के दोनों तट पर किया जा रहा है इसके लिए छत्तीसगढ़ राज्य को 1300 एकड़ भूमि की आवश्कता होगी तथा शबरी नदी के किनारे बसने वाले जनसमूह प्रभावित होंगे विशेषतः जनजाति वर्ग के जनसमूह ।
पोलावरम बांध निर्माण से जहां पूर्ण जलाशय स्तर 150 फीट पर डुबान वनभूमि निरंक होगी वहीं बाढ़ प्रभावित बैक वाटर स्तर 177 फीट पर डुबान वनभूमि 201.296 हेक्टेयर वनभूमि डुबान पर आयेगी । छ0ग0 शासन द्वारा पूर्ण जलाशय स्तर 150 फीट पर कुल 683.01 हेक्टेयर बाढ़ प्रभावित बैक वाटर जल स्तर 177 फीट पर कुल 2473 .76 हेक्टेयर क्षेत्र डुबान से प्रभावित होने का आंकलन किया गया।

इसके अतिरिक्त बताया जाता है कि इस परियोजना निर्माण से बस्तर संभाग के सुकमा जिले के 18ग्राम के जनसमूह प्रभावित होंगे।
आंध्रप्रदेश में एक सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि हमने पहली ही कैबिनेट में पोलावरम को राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया और परियोजना में कोई अड़चन न आये इसके लिए 7 हजार करोड़ रूपये की धनराशि आंध्रप्रदेश को जारी कर दिया।
राज्य सरकार से पूर्व विधायक ने आग्रह किया है कि जन हित में इस ओर अविलम्ब ध्यान देकर निर्माणाधीन पोलावरम बांध की ऊंचाई 150फिट ही कराने का प्रयास करें ताकि प्रदेशवासियों को कम से कम नुकसान हो।

ब्यूरो रिपोर्ट कोंडागांव : विकास ललवानी

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