News Edition 24 Desk: बीजिंग। कोरोना वायरस फैलाने के आरोपों का सामना कर रहे चीनी वैज्ञानिक अब चूहों पर क्रूरता दिखा रहे हैं। ये वैज्ञानिक विले फ्रेंकसाइंस स्टडी के तहत नर चूहों से सिजेरियन तकनीकी से बच्चा पैदा करने के लिए मजबूर कर रहे हैं। इसमें नर चूहे को किसी मादा चूहे के साथ जोड़ा जा रहा है जिससे दोनों में एक ही रक्त का प्रवाह हो। बाद में नर चूहे में किसी दूसरी मादा का गर्भाशय जोड़कर उसमें भ्रूण विकसित किया जा रहा है।
शंघाई में नेवल मेडिकल यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों का कहना है कि इस प्रयोग प्रजनन जीव विज्ञान पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। उन्होंने यह नहीं बताया है कि आखिर कैसे यह इंसानों को फायदा पहुंचाएगा। यह प्रयोग दुनियाभर में जारी ट्रांसजेंडर महिलाओं में गर्भाशय के प्रत्यारोपण की संभावना का पता लगाने के शोध के बाद किया जा रहा है।
वैज्ञानिकों की इस टीम ने नर और मादा चूहे को उनकी त्वचा से जोड़कर खून के प्रवाह को एक कर दिया। इसके बाद नर में किसी दूसरी मादा का गर्भाशय प्रत्यारोपित किया गया। इसके बाद भ्रूण को नर और मादा दोनों चूहों में एक साथ प्रत्यारोपित किया गया। सिजेरियन सेक्शन के जरिए नर में 27 सामान्य भ्रूणों को 21.5 दिनों तक विकसित होने दिया गया। इनके जरिए नर चूहों से 10 बच्चे पैदा किए गए।
चीनी वैज्ञानिकों ने दावा किया कि इस दौरान नर और मादा चूहों के हृदय, फेफड़े या यकृत पर कोई व्यापक दुष्प्रभाव नहीं हुआ। वैज्ञानिकों ने कहा कि इससे पुरुष गर्भावस्था के स्तनधारी पशु मॉडल का टेस्ट किया जा रहा है।
वहीं, जानवरों के लिए काम करने वाली पेटा की वरिष्ठ विज्ञान नीति सलाहकार एमिली मैकइवर ने इस रिसर्च को फ्रैंकेंसाइंस और नीच कृत्य बताया। नर गर्भावस्था प्रकृति में एक अविश्वसनीय रूप से दुर्लभ घटना है। यह इतना दुर्लभ है कि सिनग्नैथिडे मछली के परिवार के अलावा अन्य कोई नर जीव बच्चे पैदा नहीं करता। सिनग्नैथिडे फैमिली में समुद्री घोड़े, पाइपफिश और सीड्रैगन शामिल हैं। ये एकमात्र ज्ञात प्रजाति हैं जिनके नर जीव गर्भावस्था में संतान पैदा करते हैं।
बता दें कि चीनी वैज्ञानिकों पर पहले ही चमगादड़ों में पाए जाने वाले कोरोना वायरस को लेकर लापरवाही से रिसर्च करने का आरोप लगा है।