आने वाले साल में देश के 30 लाख लोगों की नौकरी खतरे में!

News Edition 24 Desk: दुनिया भर में जारी कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच नौकरी करने वाले लोगों के लिए बुरी खबर है। वो इसलिए क्योंकि देश के 30 लाख लोगों की नौकरी खतरे में बताई जा रही है।

बैंक ऑफ अमेरिका की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2022 तक देश की बड़ी आईटी कंपनियां करीब 30 लाख लोगों को नौकरी से निकाल देंगी। टीसीएस, इंफोसिस, विप्रो, एचसीएल, टेक महिंद्रा और कॉग्निजेंट जैसी आईटी कंपनियां अपने कर्मचारियों को निकलने के बारे में सोच रही है।

इन कंपनियों में अभी करीब 1.6 करोड़ लोग काम करते हैं। रिपोर्ट के अनुसार 30 लाख लोगों को नौकरी से निकाल कर ये कंपनियां करीब 100 अरब डॉलर की सालाना बचत करेंगी, जो उनकी सैलरी पर खर्च होते हैं।

बैंक ऑफ अमेरिका की इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि आरपीए का अमेरिका में बुरा असर पड़ेगा और वहां करीब 10 लाख नौकरियां जाएंगी। रिपोर्ट के मुताबिक भारत में संसाधनों के लिए कर्मचारियों के वेतन पर सालाना 25,000 डॉलर और अमेरिकी संसाधनों के लिए 50,000 डॉलर के खर्च के आधार पर इससे कॉरपोरेट के लिए वार्षिक वेतनों तथा संबंधित खर्चों पर करीब 100 अरब डॉलर की बचत होगी।

जाने क्या है आरपीए?

आरपीए रोबोट नहीं बल्कि सॉफ्टवेयर का एक ऐप्लिकेशन है जो नियमित और ज्यादा मेहनत वाले काम करता है. इससे कर्मचारियों को ज्यादा अलग कामों पर ध्यान देने में मदद मिलती है. यह साधारण सॉफ्टवेयर ऐप्लिकेशन जैसा नहीं है क्योंकि यह कर्मचारियों के काम करने के तरीके की नकल करता है. यह समय की बचत करता है, लागत में कमी करता है, जिससे कंपनियों का फायदा बढ़ जाएगा।

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