
News Edition 24 Desk: आम का नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है। जबलपुर में एक ऐसे आम की खेती हो रही है, जिसके दाम सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे। आम आदमी अगर इस आम का स्वाद चखना चाहे तो उसे लोन की जरूरत पड़ सकती है। बता दें कि जबलपुर के बगीचे में जो आम है, उसकी कीमत 2.70 लाख रुपये है। मतलब एक आम खाने के लिए आपको 2.70 हजार रुपये चुकाने होंगे। इंटरनेट पर इस आम की कीमत एक से दो लाख के बीच में बताया गया है। आम की सुरक्षा में नौ कुत्ते और तीन गार्ड लगे हुए हैं।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी खूब मांग है
भारत में इस आम की खेती और कहीं नहीं होती है। जापानी आम को तामागो के नाम से जाना जाता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी खूब मांग है। जापानी भाषा में ‘ताईयो नो तामागो’ के नाम से इसे जाना जाता है। भारत में आमों की अलग-अलग किस्में पायी जाती हैं, जिनमें दसहरी, तोतापरी, लंगड़ा आम, देसी आम, हापुस सहित कई किस्मों के आमों की पाई जाती हैं। यही वजह है कि भारत के आमों की चर्चा विदेशों में होती है। भारत में हापुस/अल्फांसो आम देश का सबसे महंगा आम माना जाता है। वहीं, विश्व का सबसे महंगा आम जापान का तामागो है।
जबलपुर में हो रही है तामागो की खेती
तामागो आम अब एमपी की संस्कारधानी जबलपुर में उगाया जा रहा है। जबलपुर के चरगवां में रहने वाले संकल्प परिहार इस आम को अपने बगीचों में उगा रहे हैं। संकल्प परिहार ने अपने 4 एकड़ के बगीचे में 14 अलग-अलग किस्म के आमों को लगाए हैं और इसके अलावा तामागोआम के 52 पेड़ लगाए हैं। आम की खेती करने वाले संकल्प परिहार ने कहा कि पिछले साल अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक आम की कीमत 2.70 लाख रुपये थी। उन्होंने कहा कि उत्पादन के अनुसार इसके रेट में बदलाव होते रहता है।

आम के एक पीस की कीमत बाजार में 2 लाख 70 हजार है
तामागो आम के एक पीस की कीमत अंतर्राष्ट्रीय बाजार में 2 लाख 70 हजार रुपये बताई जा रही है। हालांकि इंटरनेट पर उपलब्ध रेट में इसकी कीमत एक से दो लाख के बीच है। इस आम की खेती करने वाले संकल्प परिहार ने कहा कि जापान में इस आम को पॉली हाउस के अंदर सुरक्षित वातावरण में उगाया जाता है। जबलपुर में हमने प्रयोग के तौर पर इसे लगाया था और इस आम को जबलपुर का वातावरण अच्छा लगा और यहां पर लग गए। उन्होंने कहा कि पिछले साल एक आम की कीमत 2.70 लाख रुपये थी।
तीन साल से कर रहे हैं खेती
संकल्प परिहार ने कहा कि हम तीन साल से तामागो आम की खेती कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस आम की खेती जबलपुर में होने से जबलपुर की ख्याति अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहुंच गई है। इस आम को उगाना इतना आसान नहीं है, इसे लगाने के बाद इसके पेड़ पर बहुत ही कम फल आते है। संकल्प परिहार के बगीचे में जब से जापानी आम लगना शुरू हुआ है, तब से चोरों की निगाहें भी इनके बगीचे पर लगी हुई है।
अभी बेच नहीं रहे संकल्प
संकल्प परिहार अभी इस आम को बेच नहीं रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले साल मुंबई और सूरत से कुछ लोगों ने इसके बारे में जानकारी ली थी। मगर हमारी कोशिश है कि पहले अपने पौधों को बचाएं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी मांग ज्यादा है। हमलोग उसी को ध्यान में रखकर इसकी खेती कर रहे हैं।
ट्रेन में मिला था पौधा
उन्होंने बताया कि जबलपुर से हैदराबाद ट्रेन में जाते समय एक सज्जन ने जापानी आम के पौधे दिए थे। जापानी आम के पौधे घर लाकर बगीचे में लगा दिए थे। समय-समय पर इनकी देखभाल करते रहे और आज इस आम ने मुझे प्रसिद्धि दिला दी है।