News Edition 24 Desk: रोटी, कपड़ा और मकान जीवन की मूलभूत चीजें हैं। इन तीनों के बिना जीवन अधूरा है। लेकिन इनमें सबसे जरूरी चीज है रोटी। अगर वह नहीं खाएंगे तो इंसान समय से पहले ही मर जाएगा। बनते बिगड़ते हालातों के बीच में कोई भूख से मर रहा है तो कोई दूषित भोजन से मर रहा है। लोगों को इस बारे में जागरूक करने के लिए हर साल 7 जून को खाद्य सुरक्षा दिवस मनाया जाता है। 2019 में इसकी शुरुआत हुई थी। इस दिन को सेलिब्रेट करने के तौर पर हर साल एक थीम भी तैयार की जाती है। तो जानते हैं क्यों यह विशेष दिन मनाया जाता है? क्या उद्देश्य है और किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
क्यों मनाया जाता है? खाद्य सुरक्षा दिवस
प्रतिदिन लोग कई सारे खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं। खाद्य सुरक्षा द्वारा यह तय किया जाता है कि खाद्य पदार्थ को खाने से पहले उसके उत्पादन, प्रसंस्करण, भंडारण, वितरण, तैयारी तक खाद्य शृंखला का हर चरण लोगों की सेहत के लिहाज से सुरक्षित हो। इसी उद्देश्य के साथ प्रतिवर्ष लोगों को जागरूक करने के लिए विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। खाद्य सुरक्षा यह निर्धारित करती है कि धरती पर रहने वाले हर व्यक्ति को अच्छा आहार मिले ताकि किसी की सेहत प्रभावित न हो, सभी स्वस्थ जीवन जी सकें। आज भी कई सारे देशों में लोगों को ऐसा भोजन मिलता है जिसकी गुणवत्ता का कोई स्तर नहीं होता है। यह आहार लोगों को बीमार करता है जो कि पूरे विश्व के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है।
खराब खाद्य सामग्री से 30 लाख लोगों की होती है मृत्यु
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, दूषित खाद्य या बैक्टीरिया युक्त खाद्य से हर साल 10 में से एक व्यक्ति बीमार होता है। दुनियाभर में बीमारों का यह आंकड़ा लगभग 60 करोड़ पार है जिसमें से 30 लाख लोगों की मृत्यु हो जाती है। मृत्यु के इस आंकड़े को कम करने के लिए ही खाद्य सामग्रियों की गुणवत्ता के प्रति विशेष ध्यान दिया जाता है।
विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस का इतिहास
यह तीसरा वर्ष है जब विश्व इस दिन का आयोजन करने जा रहा है। साल 2018 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस मनाने की घोषणा की गई और तभी से प्रतिवर्ष 7 जून को इस दिन का आयोजन किया जाने लगा। कोरोना महामारी के कारण पिछले वर्ष इस दिन का आयोजन ऑनलाइन ही किया गया था। इस वर्ष भी इसे ऑनलाइन ही मनाया जाना है।
विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस 2021 का विषय
विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस 2021 का विषय “स्वस्थ कल के लिए आज का सुरक्षित भोजन” है। इस वर्ष का विषय भोजन की गुणवत्ता पर जोर देता है। यदि आज हम अच्छा भोजन आहार के रूप में लेंगे तो हमारा कल भी बेहतर होगा, हम स्वस्थ रहेंगे। पिछले वर्ष इस दिन को लेकर कोई विषय तय नहीं गया था इसलिए वर्ष 2018 का विषय ही माना गया था कि जो कि ‘खाद्य सुरक्षा, सभी का व्यवसाय’ था।
भारत ने किये हैं ये काम
संयुक्त राष्ट्र द्वारा खाद्य और कृषि संगठन तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए नामित किया गया है। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण द्वारा सुरक्षित खाद्य उपलब्ध करवाने के लिए पहला राज्य खाद्य सुरक्षा इंडेक्स विकसित किया गया है। खाद्य तेल और घी में हुई मिलावट के बारे में एक मिनट से कम समय में पता लगाने के लिए विशेष उपकरण ‘रमन 1.0’ को भी क्रिया में लाया गया है।
दूसरा यानि विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस 7 जून 2020 को मनाया गया। इस दिन को मनाए जाने का उद्देश्य विभिन्न खाद्य जनित जोखिमों और इसके रोकथाम के उपायों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। साथ ही, इस दिन एक अभियान जागरूकता भी चलाया जाता है कि किस प्रकार खाद्य सुरक्षा हमारे लिए अधिक महत्वपूर्ण है, जो जीवन के विभिन्न अन्य महत्वपूर्ण कारकों जैसे मानव स्वास्थ्य, आर्थिक विकास और कई अन्य से संबंधित है। इसके अलावा, इस दिन निश्चित रूप से खाद्य सुरक्षा और कृषि, सतत विकास और बाजार पहुंच जैसे अन्य तत्वों के बीच एक संबंध भी सुनिश्चित किया जाता है।
खाद्य सुरक्षा में FDA की क्या भूमिका है?
एफडीए यह सुनिश्चित करता है कि लोग खाना बनाने में स्वच्छता का ध्यान रख रहे हैं या नहीं। साथ ही जनता के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और उसकी रक्षा के लिए एफडीए काम करता है। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार विश्व में 10 में से 1 प्रतिशत लोग दूषित खाने के कारण बीमार पड़ते हैं।
आओ अपने भोजन को अपनी दवा बनाएं, लोगों को किचन में वापस लाएं और प्रोसेस्ड फूड और फास्ट फूड की प्रवृत्ति का मुकाबला करें।