कैम्प स्थापना होने के बाद मनरेगा से ग्रामीण विकास को मिली गति…

बीजापुर ब्यूरो : जिले में विगत वर्षों में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में किये गए कार्य विकास के नए मापदण्ड स्थापित कर रहे हैं। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना एवं विभिन्न योजनाओं से प्राप्त निधियों का अभिसरण गांव की खुशहाली की वजह बन रही है। जहां एक ओर इन कार्यों से जाॅब कार्डधारी परिवारों को रोजगार मिल रहा है, वहीं दूसरी ओर गांव में स्थायी परिसम्पत्ति का निर्माण भी हो रहा है। कोरोना काल के दौरान लाॅकडाउन की स्थिति में भी जल संरक्षण, जल संचय की दिशा में किये गए कार्य जिले में योजना से जुड़े हितग्राही एवं क्षेत्र के किसानों को आजीविका से जोड़कर उनकी आर्थिक उन्नति करने में सफल हुआ है।

क्षेत्र में ग्रामीण विकास को गति प्रदान करने में अंदरूनी क्षेत्रों में स्थापित पुलिस कैम्प की भूमिका महत्वपूर्ण है। कैम्प स्थापित होने से शांतिपूर्ण वातावरण में ग्रामीण परिवारों को गांव में ही एक ओर जहां रोजगार उपलब्ध हो रहा है, वहीं गांव में स्थायी परिसंपत्तियों जैसे पीडीएस गोदाम, आंगनबाड़ी भवन, पंचायत भवन आदि का निर्माण भी हो रहा है।

माओवाद प्रभावित बीजापुर जिले में कुल 170 ग्राम पंचायतें है। विगत वर्षों में योजनान्तर्गत केवल 100 पंचायतों में ही कार्य किये जाते रहे हैं। जिले में माओवादी प्रभावित क्षेत्रों में कैम्प खुलने से लम्बे समय से अवरूद्ध विकास को गति मिली है, जहां एक ओर इन कार्यों से जाॅब कार्डधारी परिवारों को रोजगार मिल रहा है, वहीं दूसरी ओर गांव में स्थायी परिसम्पति का निर्माण भी हो रहा है। कोरोना काल के दौरान लाॅकडाउन की स्थिति में महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत ग्रामीण जाॅब कार्डधारी परिवारों को गांव में ही रोजगार उपलब्ध कराया जा सका।

वर्तमान में कुल 130 ग्राम पंचायतों में कार्य स्वीकृत कर पूर्ण किये जा रहे हैं। यह आंकड़ा ग्रामीण विकास के क्षेत्र में कैम्प के माध्यम से शांति स्थापना और जिला प्रशासन द्वारा क्षेत्र के विकास हेतु किये गए बेहतर कार्य की सफलता की कहानी गढ़ते हैं।

अंदरूनी पंचायतें जहां मनरेगा योजना से कार्य कराये गए है जनपद पंचायत भैरमगढ़ अंतर्गत मदपाल, पिटेपाल, बेचापाल, बांगोली, ताकिलोड़, चिंगेर हल्लूर, बैल, हुर्रागुवाली, पोटेनार, बिरियाभूमि। जनपद पंचायत बीजापुर अंतर्गत   पदमुर, पदेड़ा, पुसनार, पालनार, बुरजी, गोंगला, कमकानार, पेदाकोरमा इसी तरह जनपद पंचायत उसूर अंतर्गत पुतकेल, चिपुरभट्टी, मल्लेपल्ली, जारपल्ली, पुजारीकांकेर, गलगम, कोरसागुड़ा, लिंगागिरी चिन्नागेलूर, पोलमपल्ली, तर्रेम सलवा जुलूम के दौर में माओवादियों ने जिले के अंदरूनी क्षेत्रों की बहुत से शासकीय भवनों को क्षतिग्रस्त कर दिया। लेकिन समय परिवर्तनशील है। वर्तमान समय में जिला प्रशासन जिले की सुदूर ग्रामीण अंचलों में बाल मनोविज्ञान को ध्यान में रखते हुए आकर्षक आंगनबाड़ी का निर्माण किए जाने की पहल की है।

पोंजेर कैम्प के समीप वर्ष 2005 के बाद पहली बार विकासखंड बीजापुर की ग्राम पंचायत कड़ेनार और इसके आश्रित ग्राम चेरकंटी में 2 आंगनबाड़ी भवन का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है। इसी तर्ज पर वित्तीय वर्ष 2020-21 में महात्मा गांधी नरेगा योजना एवं महिला एवं बाल विकास विभाग के तालमेल से 9 आंगनबाड़ी भवन पूर्ण किया गया एवं 64 भवन का कार्य प्रगति पर है।
चिन्नाकोड़ेपाल कैम्प के समीप वित्तीय वर्ष 2018-19 से 2020-21 तक पीडीएस गोदाम में स्वीकृत संख्या 8 पीडीएस गोदाम का निर्माण किया गया एवं 3 भवनों में निर्माण कार्य चल रहे है। वहीं 5 पंचायत भवन निर्माण कार्य किया गया एवं 8 पंचायत भवन निर्माण कार्य प्रगति पर है।

ब्यूरो रिपोर्ट बीजापुर : नितिन रोकड़े

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