‘टूलकिट’ विवाद: ट्विटर ने संबित पात्रा के ट्वीट पर जताई आपत्ति….

News Edition 24 : ट्विटर ने BJP प्रवक्ता संबित पात्रा के एक पोस्ट को ‘मैनिपुलेटेड मीडिया’ करार दिया है. यानि संबित पात्रा का ट्वीट तथ्यात्मक रूप से सही नहीं है. दरअसल, संबित पात्रा ने कांग्रेस पर PM मोदी की छवि खराब करने के लिए एक कथित टूलकिट बनाने का आरोप लगाया था. संबित पात्रा ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक फोटो शेयर की थी, साथ ही कांग्रेस का एजेंडा  बताया था. अब इसी ट्वीट को ट्विटर ने गलत करार दिया है.

ट्वीट को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया

माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर ने BJP प्रवक्ता संबित पात्रा के उस ट्वीट को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया करार दिया है. जिसमें उन्होंने कथित तौर पर आरोप लगाया था कि कांग्रेस ने मोदी सरकार  को निशाना बनाने के लिए एक टूलकिट तैयार किया था. ट्विटर का कहना है कि वह ऐसे ट्वीट को यह करार देता जिनसे ऐसा मीडिया (वीडियो, ऑडियो और तस्वीरें) जुड़ा होता है जिसे छलपूर्वक  तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया हो.

कांग्रेस ने कुछ बीजेपी नेताओं के ट्विटर अकाउंट को स्थाई रूप से बंद करने की थी अपील

कांग्रेस ने गुरुवार को ट्विटर से लिखित तौर पर कहा था कि वह समाज में गलत जानकरी और अशांति फैलाने के लिए भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी  समेत कई भाजपा नेताओं के अकाउंट स्थायी रूप से निलंबित  कर दे. मुख्य विपक्षी पार्टी का कहना है कि भाजपा ने जिस कथित टूलकिट के दस्तावेज जारी किए हैं वो फर्जी हैं. उसने कई प्रमुख भाजपा नेताओं के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई है. छत्तीसगढ़ पुलिस ने इस मामले में प्राथमिकी (FIR) दर्ज की है. बीजेपी तथाकथित टूलकिट की कुछ विवादित सामग्री को लेकर कांग्रेस पर हमलावर रही है. पात्रा सहित भाजपा नेताओं ने टूलकिट को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कई ट्वीट किए हैं.

इससे पहले फैक्ट चेकिंग वेबसाइट ऑल्ट न्यूज ने अपनी एक रिपोर्ट में खुलासा किया था कि भाजपा के बड़े नेता जिस टूलकिट को शेयर कर रहे हैं, उसे कांग्रेस के जाली लेटरहेड पर बनाया गया है।

भारत सरकार का ट्वीटर को सख्त निर्देश, जाँच में दखल ना दे ट्वीटर…

अब सूत्रों के मुताबिक सरकार ने ट्विटर से ‘मैनिपुलेटेड मीडिया’ टैग को हटाने के लिए कहा है क्योंकि मामला कानून प्रवर्तन एजेंसी के सामने लंबित है। कंटेन्ट की सत्यता की जांच एजेंसी करेगी न कि ट्विटर। इसीलिए ट्विटर से जांच प्रक्रिया में दखल न देने को कहा गया है। सरकार की ओर से कहा गया है कि ट्विटर अपना फैसला नहीं सुना सकता जबकि मामले की जांच चल रही है। ट्विटर द्वारा इस तरह के कंटेन्ट को मॉडरेशन में डालना “मध्यस्थ” के रूप में उसकी स्थिति पर प्रश्नचिह्न लगाती है। मंत्रालय ने ट्विटर को भेजे अपने संदेश में कहा है कि संबंधित पक्षों में से एक ने कानून प्रवर्तन एजेंसी के सामने टूलकिट की सत्यता पर सवाल उठाते हुए शिकायत की है और इसकी जांच की जा रही है।

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