बीमार मां की सेवा के लिए IAS ने ठुकरा दिया कलेक्टर का पद, सरकार को बदलने पड़े आदेश..

2013 बैच के आइएएस अनूप कुमार सिंह ने ठुकरा दिया कलेक्टर का पद

बीमार मां की सेवा के लिए आइएएस ने ठुकराया पद

सात मई को सरकार की तरफ से जारी हुआ था नियुक्ति का आदेश

अनूप कुमार सिंह के इनकार के बाद आदेश हुआ निरस्त

News Edition 24 Desk: एमपी के जबलपुर जिले में अपर कलेक्टर के पद पर पदस्थ 2013 बैच के आईएएस अधिकारी अनूप कुमार सिंह ने कलेक्टर का पद ठुकरा दिया है। सात मई को सरकार ने दमोह कलेक्टर के रूप में उनकी नियुक्ति की थी। अनूप कुमार सिंह के इनकार के बाद सरकार को कुछ ही देर में आदेश निरस्त कर दिया।


देश का हर युवा आईएएस बनकर कलेक्टर बनना चाहता है। आईएएस की कठिन परीक्षा पास करने के बाद उसका सपना होता है की वो किसी जिले का कलेक्टर बनकर जनता और देश की सेवा कर सके। जबलपुर जिले में युवा आईएएस अधिकारी ने अपनी मां के सेवा के लिए कलेक्टर का पद ठुकरा दिया है। इस अधिकारी का नाम अनूप कुमार सिंह है।


2013 बैच के आईएएस अधिकारी अनूप कुमार सिंह को बीते दिनों दमोह जिले का कलेक्टर बनाया गया था। प्रदेश शासन से उनके कलेक्टर पद के लिए आदेश भी आ गया लेकिन अनूप सिंह ने शासन को बताया कि अभी उनकी मां का स्वास्थ्य ठीक नहीं है। अनूप सिंह ने शासन को ये भी बताया कि वो अभी मां की सेवा करना चाहते हैं। इस वजह से फिलहाल कलेक्टर के पद को स्वीकार नहीं कर सकते।

इनके इनकार करने के बाद सरकार ने आठ मई को इस आदेश को निरस्त कर दिया था। अनूप कुमार सिंह की जगह इंदौर नगर निगम के अपर आयुक्त एस कृष्ण चैतन्य को दमोह का कलेक्टर बनाया गया है।

यूपी के रहने वाले हैं अनूप कुमार सिंह

अनूप सिंह जबलपुर में वर्त्तमान समय में अपर कलेक्टर के पद पर पदस्थ्य है इसके पहले वो जबलपुर नगर निगम में कमिश्नर थे। अनूप सिंह मूलतः उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के रहने वाले हैं, शांत स्वाभाव और काम के प्रति वो हमेशा स्ट्रिक्ट रहते हैं। जबलपुर नगर पालिक निगम में कमिश्नर रहते हुए उन्होंने कई उल्लेखनीय कार्य किए हैं।


बीमार मां की सेवा में लगे

अनूप सिंह फिलहाल अपनी बीमार मां की सेवा में दिन रात लगे हुए हैं। मां के प्रति उनका स्नेह और आदर देखकर जबलपुर में उनकी तारीफ हो रही है। अनूप सिंह ने आज अपनी बीमार के लिए कलेक्टर जैसे इतने बड़े पद को ठुकरा दिया, जिस पद पर जाने के लिए न जाने कितनी कठिनाइयों से गुजरना पड़ता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *