कोरोना से दफन होती मानवता : कोरोना ने छिना मासूम बच्चों के सर से माँ बाप का साया, बच्चों की सुध लेने घँटों कोई नही आया सामने…

News Edition 24 Desk : कोरोना काल ने संवेदना, मानवता, इंसानियत का भी गला घोट दिया है आए दिन शर्मसार कर देने वाली तस्वीरें सामने आती रहती हैं।इस कोरोना काल में ऐसी कई तस्वीरें अब तक सामने आ चुकी हैं जो विचलित कर जाती हैं। ऐसी ही एक तस्वीर बस्तर से भी निकल कर सामने आई है, जिसे देखकर आप अपने आपको पूरी तरह से असहाय महसूस करने लगेंगे। कोरोना ने दो मासूम बच्चों के सिर से माता-पिता का साया छीन लिया। दरअसल बास्तानार में पदस्थ शिक्षक भागीरथी ओगरे कोरोना से संक्रमित हो गए थे, उन्हें डिमरापाल मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया। इस दौरान उनकी पत्नी संतोषी ओगरे भी संक्रमित हो गईं, उन्हें घर पर ही आइसोलेट किया गया था। शिक्षक के दो मासूम बच्चे हैं 5 साल की बच्ची और 3 साल के बेटा।शनिवार की रात शिक्षक की मेडिकल कॉलेज में मौत हो गई। रविवार की सुबह जब शिक्षक की बच्ची उठी तो उसने अपनी माँ को उठाने की कोशिश की लेकिन माँ ने कोई जवाब नहीं दिया। बच्ची ने मकान मालिक को जाकर बताया कि माँ कुछ बोल नहीं रही, तब जाकर पता चला कि माँ की भी मौत हो चुकी है।

मासूम बच्चे पेड़ पेड़ के नीचे घंटों खड़े रहे लेकिन कोरोना संक्रमण के डर के चलते मदद के लिए कोई सामने नहीं आया। माता-पिता का साया मासूम बच्चों के सर से उठ चुका है इस बात से अनजान बच्चे घर के सामने पेड़ के नीचे बैठे रहे लेकिन पड़ोसी भी मदद को नहीं आए। पड़ोसियों ने बताया कि सुबह एक डॉक्टर पहुंचे थे, जिन्होंने संतोषी ओगरे की जाँच कर उन्हें मृत घोषित कर दिया था लेकिन उनके संपर्क में रहे बच्चों की स्थिति जानने के लिए घंटों जांच टीम नहीं पहुंची थी। इस वजह से कोई भी बच्चों के पास नहीं जा रहा था। तभी कुछ देर बाद कोड़ेनार थाना प्रभारी संतोष सिंह अपनी टीम के साथ वहां पहुंचे और उन्होंने बच्चों के खाने की व्यवस्था की। इस पूरे मामले में स्वास्थ्य विभाग की घोर लापरवाही नजर आती है।

चित्रकोट विधायक राजमन बेंजाम के पहल करने के बाद शाम को लगभग चार बजे के बाद महिला के शव को मेडिकल कॉलेज ले जाया जा सका। इस पूरे मामले में बस्तर कलेक्टर ने जांच कर कार्यवाही करने की बात कही है।

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