News Edition 24 Desk: अलीगढ़. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अलीगढ़ जिले में कोरोना वायरस संक्रमण (Corona Infection) का कहर सबसे ज्यादा अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (Aligarh Muslim University) में देखने को मिल रहा है. महज 18 दिनों में एएमयू के 17 वर्किंग प्रोफेसरों की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई. शुक्रवार को एएमयू के लॉ फैकल्टी के डीन प्रोफेसर शकील समदानी की मौत के बाद एएमयू के हालातों को लेकर चिंताएं और भी ज्यादा बढ़ गई हैं. एएमयू के लॉ फैकल्टी के डीन का कोरोना से संक्रमित होने के बाद से अलीगढ़ के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा था.
बता दें अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में कोरोना से पहली मौत पूर्व प्रॉक्टर और डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रोफेसर जमशेद अली सिद्दीकी की बीते 20 अप्रैल को हुई थी. ये सभी प्रोफेसर अलीगढ़ शहर में अलग-अलग जगह पर रहते थे.
सामाजिक सरोकार के लिए एक्टिव थे समदानी
प्रोफेसर शकील समदानी ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के कार्यकारी कमेटी के सदस्य थे. 10 दिन पूर्व उन्हें अलीगढ़ यूनिवर्सिटी के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के कोविड वार्ड में भर्ती कराया गया था. बताया जा रहा है कि समदानी डायबिटीज और हाइपरटेंशन से पीड़ित थे. अचानक डायबिटीज का संतुलन बिगड़ने से उनकी मौत हो गई. लॉ फैकल्टी के डीन प्रोफेसर शकील समदानी सामाजिक सरोकार से जुड़ी गतिविधियों में भी एक्टिव रहते थे.
इनकी भी हुई मौत
इससे पहले शुक्रवार को चिकित्सा विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर शादाब अहमद खान (58 साल) और कंप्यूटर विभाग के प्रोफेसर रफीकुल जमान खान (55 साल) की मौत हो गई थी. वहीं, उप कुलपति मंसूर के भाई उमर फारूक की भी कोरोना से मौत हो चुकी है. वे यूनिवर्सिटी कोर्ट के पूर्व सदस्य और मोहम्मदन एजुकेशनल कॉफ्रेंस के सदस्य थे. जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के कोविड वार्ड में फैकल्टी मेंबर्स समेत 16 लोगों का इलाज चल रहा है.