
पेइचिंग (एजेंसी) : चीन के जिस लॉन्ग मार्च 5बी रॉकेट के धरती से टकराने की चेतावनी दी जा रही थी वह हिंद महासागर में आ गिरा है। चीनी मीडिया का दावा है कि ये राकेट भारत के दक्षिणपूर्व में श्रीलंका और मालदीव के आसपास कहीं पानी में गिरा है। अमेरिकी स्पेस फोर्स के डेटा के मुताबिक यह 18 हजार मील प्रतिघंटा की रफ्तार से धरती की ओर बढ़ रहा था जिस कारण यह कहां लैंड करेगा इसे लेकर पुष्टि नहीं की जा सकी थी। फिलहाल इसके गिरने से किसी नुकसान की जानकारी नहीं है।

ये चीनी रॉकेट 110 फीट लंबा है वहीं इसका वजन 21 टन यानि 21 हजार किलो के करीब है। इस राकेट को लेकर चीन पूरी दुनिया के वैज्ञानिकों के निशाने पर आ गया क्योंकि अंतरिक्ष में 10 टन से ज्यादा वजन का रॉकेट भेजना मना है और अगर कोई भेजता भी है तो उसके लिए निश्चित शर्तों को पूरा करना जरूरी हो जाता है लेकिन आरोप है कि चीन ने किसी भी शर्त को पूरा नहीं किया है। वहीं, अमेरिका ने चीन के इस रॉकेट को लेकर आशंका जताई थी कि ये कहीं भी गिर सकता है। खासकर इस रॉकेट के अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर या न्यूजीलैंड के किसी हिस्से में गिरने की संभावना काफी ज्यादा थी, लिहाजा अमेरिका पूरी तरह से सतर्क रहा और अमेरिका का रक्षा मंत्रालय लगातार इस बेलगाम रॉकेट को ट्रेस करने की कोशिश कर रहा था। इसकी चार अलग-अलग कक्षाओं की संभावना जताई गई थी जिनमें से तीन पानी के ऊपर हैं और एक जमीन पर। वायुमंडल में दाखिल होने पर इसका बड़ा हिस्सा जल गया और बाकी पानी में जा गिरा। पहले की अटकलों के मुताबिक यह दक्षिणपूर्वी अमेरिका, मेक्सिको, मध्य अमेरिका, करेबियन, पेरू, ईक्वाडोर कोलंबिया, वेनेजुएला, दक्षिण यूरोप, उत्तर या मध्य अफ्रीका, मध्य पूर्व, दक्षिण भारत या ऑस्ट्रेलिया में गिरने की संभावना जताई जा रही थी।

गिरने से पहले जल गया था बड़ा हिस्सा
रिपोर्ट के मुताबिक पृथ्वी के वायुमंडल में आने के बाद इस रॉकेट का बड़ा हिस्सा जल गया था। मगर, फिर अगर ये हिस्सा किसी शहर पर गिरता तो भारी तबाही मचाने के लिए काफी था। चीनी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक इस रॉकेट को लेकर तीन अलग अलग कक्षाओं की संभावना जताई गई थी, जिनमें एक पृथ्वी पर तो तीन समुन्द्र में था। ये रॉकेट 100 फीट लंबा और 16 फीट चौड़ा था और इसका वजन 21 टन के करीब था। पहले आशंका जताई जा रही थी कि ये रॉकेट अमेरिका के न्यूयॉर्क, न्यूजीलैंड, चिली या मैड्रिड के आसपास कहीं गिर सकता है। वहीं, इस रॉकेट के भारत या फिर ऑस्ट्रेलिया में भी गिरने की आशंका जताई गई थी। लेकिन, अब चीनी मीडिया ने दावा किया है कि ये रॉकेट भारत के नजदीक हिंद महासागर में गिरा है।