महिला की लाठी-डंडे से पीट-पीट कर हत्या, पुलिस ने आरोपियों को किया गिरफ्तार

• पुरानी रंजिश को लेकर दिया गया मामले को अंजाम

कोंडागांव ब्यूरो : कोंडागांव जिले में दिनदहाड़े एक बुजुर्ग महिला को लाठियों से पीट पीट कर हत्या कर दी गई । घटना बड़ेकनेरा ग्राम पंचायत की है । सोमवार रात करीब 8 बजे महिला अपने बेटे और भाई के साथ बड़े बेन्द्री ग्राम पंचायत से वापस अपने गांव आ रही थी। इसी दौरान लगभग 8 से 10 अपराधियों ने मिलकर उसे मौत के घाट उतार दिया। घटना के बाद इलाके में सनसनी फैल गई है। इधर घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई . पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। ग्रामीणों के अनुसार पुरानी रंजिश में हत्या की बात सामने आ रही है। पुलिस अपराधियों को गिरफ्तार कर पूछताछ कर रही है।

मृतका की पहचान स्वर्गीय रंभा कुलदीप (50) पति लक्ष्मी दास मानिकपुरी के रूप में हुई है ।

दहशत में है पूरा परिवार

दहशत में पूरा परिवार एवं परिजनों का कहना है कि रंभा कुलदीप अपने पारिवारिक कार्य से सोमवार सुबह करीब 10 बजे अपने भाई एवं बेटे के साथ दूसरे गांव बड़े बेन्द्री गई थी जब वे सब मोटरसाइकिल पर सवार होकर घर वापस लौट रहे थे तब मक्के के खेत के पास गांव के की कुछ लोगों ने उन्हें रोक लिया और उन लोगो को लाठी एवं डंडे से मारने लगे जिससे घबरा कर अपनी जान बचाने बेटा अमृत दास कुलदीप एवं भाई फुलियादास मानिकपुरी मोटरसाइकिल को छोड़ कर वंहा से भाग कर मक्का के बाड़ी में छुप गए।
अमृत दास कुलदीप के अनुसार अपराधियों ने उसकी माँ की लाठी और डंडे से मार-मार कर निर्मम हत्या कर दी । उसके द्वारा पुलिस को मामले की जानकारी दी गई। परिजनों का कहना है कि घटना के बाद उनका पूरा परिवार दहशत में आ गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि लगभग 2 वर्ष पूर्व मृत महिला का बेटा अमृत दास कुलदीप को गांव के ही कुछ व्यक्तियों ने मरणासन्न की अवस्था तक मारपीट किया था जिसमे उसका इलाज बहुत दिनों तक रायपुर के निजी अस्पताल में चला था। उस समय भी अमृत दास मानिकपुरी ने कोंडागांव कोतवाली में प्राथमिक रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। अमृत दास कुलदीप के अनुसार तत्कालीन कोतवाली प्रभारी ने आरोपियों से सांठगांठ कर एवं राजनीतिक रसूखदारों के चलते मामले को दबा दिया था उसे मारने वालों में से कुछ लोग आज उसकी माँ की हत्या कर दी पीड़ित के अनुसार अगर पुलिस उस समय अपराधियों को कड़ी सजा दिलाती तो उसकी माँ आज जीवित होती क्योंकि उसके रिपोर्ट लिखाने के बाद से ही आरोपियों में हमेशा तनाव रहता था.

ब्यूरो रिपोर्ट कोंडागांव : विकास ललवानी

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