भ्रष्ट व्यक्तियों पर कार्रवाई हो रही है, मोदी की गारंटी है अपराधी बक्शे नही जाएंगे- केदार कश्यप

कांग्रेस ढूंढ रही है बलि का बकरा, कोई नेता चुनाव लड़ने तैयार नही- केदार

रायपुर। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर महादेव सट्टा एप को लेकर हुई एफआईआर को लेकर कैबिनेट मंत्री केदार कश्यप का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि भूपेश बघेल के समय में ही मामले की जांच शुरू हुई थी। यह कानूनी मामला है जो सत्य है वो बाहर आए। यदि वे दोषी होंगे तो उन पर कार्रवाई होगी। आज भी महादेव एप को लेकर गूगल में सर्च करेंगे तो उसमें उनका नाम स्पष्ट तौर पर दिखाई देता है। यदि वो दोष मुक्त हैं तो उनको कानूनी तरीके से बात करनी चाहिए। ये बिलकुल राजनीतिक एफआईआर नहीं है। बीजेपी इस तरह से कोई कृत्य नहीं करती है। छत्तीसगढ़ की जनता की गाढ़ी कमाई में हेरफेर हुआ है। उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री के नाते अपनी सत्यता जनता के सामने लानी चाहिए।

पहले चरण में बस्तर लोकसभा के होने वाले चुनाव को लेकर केदार कश्यप ने कहा कि बस्तर में 20 तारीख से मुख्यमंत्री का प्रवास शुरू होगा जो होली तक चलेगा। सभी विधानसभा में जाने की तारीख तय हो रही है। उसके बाद प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृहमंत्री सहित पार्टी के बड़े नेताओं के आने की भी संभावना है। पिछली बार कांग्रेस धोखे से बस्तर लोकसभा जीती थी। लेकिन इस बार वहां के लोगों ने कांग्रेस को नकार दिया है। विधानसभा में जो आशीर्वाद बस्तर में मिला ठीक वैसा ही आशीर्वाद लोकसभा में भी मिलेगा।

कांग्रेस एक डूबती नैय्या, कोई भी नेता सवार होने राजी नही बीजेपी का दरवाजा हमेशा खुला है– केदार कश्यप

कांग्रेस नेताओं के लगातार पार्टी छोड़ने पर मंत्री ने कहा कि कांग्रेस के कई विधायक और पूर्व विधायक उपेक्षा का शिकार हो रहे हैं। लगातार उनके परिवार में गुटबाजी बढ़ रही है। वो चाहते हैं अच्छे नेता और पार्टी के संपर्क में आएं। डूबती हुई नैया में कोई भी नहीं चढ़ना चाहता। इसलिए वहां से सब छोड़कर जा रहे हैं। जो भी बीजेपी में आना चाहता है पार्टी का दरवाजा हमेशा खुला है सबका स्वागत है।

कांग्रेस ढूंढ रही है बलि का बकरा, कोई नेता चुनाव लड़ने तैयार नही- केदार कश्यप

कांग्रेस अब तक प्रत्याशियों की घोषणा नहीं कर पा रही है इसे लेकर उन्होंने कहा कि कांग्रेस कितनी बार सर्वे कराएगी। 400 से ज़्यादा सीट बीजेपी की आएगी। मुझे लगता है कांग्रेस के पास राज्यसभा सांसद के लिए नेता नहीं थे। उसी तरह लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए उनके पास कोई नेता नहीं होगा। इसलिए नाम ढूंढ़ रहे हैं कि बलि का बकरा किसे बनाया जाए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *