राजस्थान में सत्ता को लेकर गहलोत और पायलट बीच उठा सियासी तूफान …

जयपुर। एक ओर जहां कांग्रेस आगामी लोकसभा व राजस्थान सहित कई राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी है और कांग्रेसियों को एक जुट करने के लिए राहुल गांधी के नेतृत्व में भारत जोड़ो यात्रा निकाली गई है । वहीं दूसरी ओर राजस्थान की राजनीति में पूर्व डिप्टी सीएम राजेश पायलट और सीएम अशोक गहलोत के बीच टकराव से कांग्रेस की गुटबाजी साफ झलक रही है। बीते दिनों सीएम अशोक गहलोत ने राजेश पायलट को कोरोना से भी खतरनाक वायरस कहा था। सीएम गहलोत के इस बयान पर राजेश पायलट ने आज पलटवार किया है । उन्होंने कहा कि 32 सलाखों के पीछे बिना हड्डी की जो जीभ है उसे संतुलित करना बहुत जरूरी होता है। मुंह से निकली हुई बात कभी वापस नहीं आती। राजनीति में मैंने मेरे स्वर्गीय पिताजी से बहुत कुछ सीखा है और राजनीति के अखाड़े में बड़े-बड़ों को पटखनी देते हुए देखा है।

सचिन पायलट ने कहा, चुनाव आते हैं, हम एक दूसरे का विरोध करते हैं मगर विरोध मुद्दों पर होना चाहिए। पिछले 5 दिनों में मैंने जो भाषण दिए, वो आप सभी के मुद्दों हैं। वो किसी पर व्यक्तिगत आरोप नहीं हैं। व्यक्तिगत आलोचना, गाली-गलौज करना, कठोर शब्द बोलना बहुत आसान है।
राजस्थान कांग्रेस में पिछले कई महीनों से रह-रहकर सियासी तूफान उठता रहा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच वार पलटवार का एक नया दौर शुरू हो गया है। हाल ही में गहलोत ने नाम लिए बिना पायलट को बड़ा कोरोना बता दिया था। गहलोत के इस बयान पर अब सचिन पायलट ने पलटवार किया है। सचिन पायलट ने कहा कि जीभ का इस्तेमाल करना आना चाहिए क्योंकि मुंह से निकली बात वापस नहीं आती।

पायलट ने महाराजा कॉलेज में पुस्तकालय के उद्घाटन के मौके पर छात्रों से कहा, राजनीति में मैंने अपने दिवंगत पिता से बहुत कुछ देखा और सीखा है। राजनीतिक क्षेत्र में मैंने उन्हें बड़ों पर जीत हासिल करते हुए देखा है। दूसरों का अपमान करना और छोटी-छोटी बातें कहना अच्छी बात नहीं है। आप सभी जानते हैं कि मेरे बारे में क्या कहा गया। फिर पायलट छात्रों से पूछते हैं, मेरे बारे में क्या कहा गया था?’ छात्रों ने ऊंची आवाज में कहा ‘कोरोना।’ पायलट फिर पूछते हैं, मेरे बारे में पहले क्या कहा गया था? जवाब आया, निक्कमा।
पायलट ने कहा, पिछले 5 दिनों से मैंने केवल मुद्दों पर भाषण दिया है। किसी के खिलाफ कोई व्यक्तिगत आरोप नहीं लगाया गया है। व्यक्तिगत आलोचना करना, गाली देना और कठोर शब्द बोलना बहुत आसान है। 32 दांतों के पीछे बिना हड्डी वाली जीभ का संतुलन और इस्तेमाल करना आना बहुत जरूरी है। मुंह से निकली बात कभी वापस नहीं आती। इस पार्टी ने हमें बहुत कुछ दिया है। इसे मजबूत करने के लिए हम लगातार काम करें। पहली बार 2014 में राहुल गांधी और सोनिया गांधी ने मुझे प्रदेश अध्यक्ष बनाया। उस वक्त हमारे पास सिर्फ 21 विधायक रह गए थे।

हाल ही में वायरल एक वीडियो में अशोक गहलोत कहते दिख रहे हैं कि महामारी के बाद पार्टी में बड़ा कोरोना आ गया है। माना जा रहा है कि गहलोत ने पायलट की तुलना कोरोना वायरस से की। बुधवार को संविदा कर्मचारियों के साथ बैठक के दौरान जब उनके नेता शमशेर खान ने मुख्यमंत्री से किसी से न मिलने की शिकायत की तो गहलोत ने टोकते हुए कहा, तुम ठीक कह रहे हो, पर अब मिलना शुरू हो गया है, पिछले सोमवार को मिला था। हुआ ये था कि हमारी पार्टी के अंदर कोरोना पहले आया और फिर बड़ा कोरोना आ गया।
गहलोत के इस बयान को पायलट के अपनी सरकार पर बार-बार हमले के जवाब के रूप में देखा जा रहा है। बता दें कि पायलट विभिन्न जिलों में सोमवार से शुरू हुई अपनी दैनिक जनसभाओं में पेपर लीक, पार्टी कार्यकर्ताओं को दरकिनार करने और रिटायर हो चुके नौकरशाहों की राजनीतिक नियुक्तियों के मुद्दों पर राज्य सरकार पर निशाना साध रहे हैं। दिसंबर 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही गहलोत और पायलट के बीच सत्ता को लेकर खींचतान चल रही है।

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