बदलता दंतेवाड़ाः टमाटर खेती की छाई हरियाली से महादेव के जीवन में आई खुशहाली…

कहते हैं कि समय के साथ चीजें बदलती हैं। और नया रूप ले लेती हैं। ऐसे ही वर्तमान समय मे खेती करने का तरीका ही बदल गया है। किसान नई नई तकनीकों से फल-सब्जियों का उत्पादन कर रहे हैं। और अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। इन्हीं किसानों में शामिल ये सफलता की कहानी है श्री महादेव जो कि ग्राम समलूर के निवासी हैं। दंतेवाड़ा जिले का एक छोटा गांव समलूर जो गीदम विकासखंड अंतर्गत आता है जहां लगभग 4 से 5 हजार की आबादी निवास करती है गांव समलूर ऐतेहासिक स्थल होने के कारण काफी मशहूूर है लेकिन अब ये गांव किसानों की उन्नत तकनीकी से लगा फसलो से पहचाना जा रहा है।

सालो से परंपरागत खेती करते आ रहे श्री महादेव बताते है कि उन्होंने अपने जीवन में ऐसे दिन भी देखे हैं जब उनके परिवार का भरण पोषण करने में काफी मशक्कत करनी पड़ती थी। तब उद्यनिकी विभाग के अधिकारियों द्वारा उन्नत तकनीकी से खेती करने की सलाह दी गयी। तब उन्होंने ड्रिप सिंचाई पद्धति एवं शेडनेट हाउस की स्थापना के बारे में बताया गया। जिसके बाद महादेव की जिंदगी बदल गयी।

उद्यानिकी विभाग से अनुदान पर वर्ष 2021-22 में शेडनेट हाउस एवं ड्रिप स्थापना की। महादेव ने शेडनेट के अंदर आधा एकड़ भूमि पर ड्रीप पद्धति से ग्राफ्टेड टमाटर लगाया। इससे फलों का उत्पादन बढ़ा है। वे बताते है कि अच्छी फसल को देखते हुए इस तकनीक को आगे भी जारी रखने का फैसला लिया। इस तकनीक से अब तक महादेव ने 12 हज़ार रुपए तक के टमाटर बेचे हैं पूरे फसल को बेचने के बाद 1 लाख 30 हज़ार से 1 लाख 50 हज़ार तक कि आमदनी की उन्हें संभवना है। ये कहानी यहीं खत्म नहीं होती। उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों द्वारा समय-समय पर तकनीकी सलाह देते रहते हैं।

जिसके कारण ये उन्नत तकनीक की खेती को देखने के लिए आस पास के किसान भी वंहा पहुंच रहे हैं उम्मीद की जा सकती है कि ये तकनीक और भी किसानो को इसी तरह लाभ पहुंचाएगा जहां आज महादेव के उन्नत तकनीक से की गई खेती अन्य किसानों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बन रहा है। आशा की जा सकती है कि ये कहानी यहाँ तक सीमित न होकर अन्य किसानों की सफलता की कहानी बन कर उभरेगी।

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