रामपाल को मिला सुरक्षित ठिकाना, अब एक और नसीब का मारा भटकते शरत शमल को है आसरे की जरूरत…

स्पेशल रिपोर्ट : कोंडागांव जिला प्रशासन -एवं पुलिस प्रशासन के संवेदनशील अधिकारियों के पहल एवं प्रयास से भूखे- प्यासे भटकते वृद्ध रामपाल को तो कोंडागांव के सामाजिक संस्था में सुरक्षित ठिकाना मिल गया लेकिन एक और नसीब का मारा भटकता 40-45 वर्ष के मंदबुद्धि व्यक्ति को भी है आसरे की तलाश…. कब तक मिल पाएगा उसे भी आसरा…?

आईये जानते हैं विस्तार से क्या है मामला…

दीपावली के कुछ दिन पूर्व से केशकाल में बदहवास हाल में भूखे प्यासे मौसम की मार झेलते भटकने वाले वृद्ध रामपाल को जिला प्रशासन -एवं पुलिस प्रशासन के संवेदनशील अधिकारियों के पहल प्रयास से कोंडागांव के सामाजिक संस्था …में सुरक्षित ठिकाना मिल गया…

रामपाल को केशकाल पुलिस सुरक्षित ठिकाने तक पंहुचा ही पाई थी कि — एक और नसीब का मारा भटकते हुये केशकाल पंहुच गया …..

उडिया भाषी अनजान ब्यक्ति से दूभाषीये के माध्यम से पूछताछ करने पर उसने अपना नाम — शरत शमल ,पिता का नाम– कोयापान , गांव का नाम — राधामोहन पुरी , थाना — आठोगढो , जिला – कटक उडिसा बताया ….
पूछताछ में बताया कि माता – पिता की मौत हो चुकी है शादी हुआ नहीं है लगभग 10-11 महिने पहले अपने घर से निकला है और पैदल चलते चलते ही यंहा तक पंहुच गया है…

केशकाल में मुख्य मार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग 30 पर पूर्व विधायक सेवकराम नेताम के बंगले के सामने नगर पंचायत द्वारा बनवाये गये प्रतिक्षालय मे बैठे 40-45 वर्ष के मंदबुद्धि के इस ब्यक्ति की बोली भाषा यंहा के लोगों को समझ मे नहीं आती और यंहा के लोगों की भाषा वह नहीं समझ पा रहा है जिसके चलते वह खुद अपने आप से बात करते बडबडाते भूखे प्यासे बदहवास हाल में बैठा हुआ है…

हमारी सरकार — हमारे सामाजिक संस्थायें और हम जलचर नभचर सभी पशु-पक्षी एवं प्राणी को सुरक्षित एवं संरक्षित रखने बडी उदारता से पहल प्रयास करते आ रहे है तो क्या – इस तरह के नसीब के मारे इंसान के प्रति कोई इंसानी फर्ज बनता है की नहीं…?

उम्मीद है कि- संवेदनशील परोपकारियों के रहमोंकरम से वक्त के मारे इस बदनसीब को भी रामपाल की तरह यथाशीघ्र दो जून पेट भर भोजन सुलभ कराते सुरक्षित आसरा प्रदान करने वाला आसरा मिल जायेगा… ✍🏻 विकास ललवानी (ब्यूरो चीफ- कोंडागांव)

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