CM बघेल के दौरे का असर: ये अफसर छुट्टी के दिन भी नहीं ले रहे छुट्टी, शनिवार हो या रविवार गौठान का निरीक्षण अनिवार्य, देर रात तक दफ़्तर में नौकरशाह…

मुंगेली। नया कार्य अवधि जारी होने के बाद कई अफसर और कर्मचारी ये कहते सुने गये कि हमने तो यह मांग नहीं की थी. सरकार ने स्वतः ही यह ऐलान किया और परेशान हम हो रहे हैं. खैर अब नये कार्यावधि सुबह 10 से शाम साढ़े 5 बजे तक निर्धारित की गई है, जिसको लेकर खूब हाय तौबा मचा और सरकार की सख़्ती के बाद कई अफसर और कर्मचारी समय पर पहुंचने लगे, लेकिन समय गुजरने के बाद कई जो हैं, आज भी पुराने ढर्रे पर चल रहे हैं. ऐसे अधिकारी और कर्मचारियों के लिए मुंगेली जिला पंचायत सीईओ दशरथ सिंह राजपूत प्रेरणास्रोत बन सकते हैं.
दरअसल, सीईओ साहब कार्यालयीन सुबह 10 बजे से साढ़े 5 बजे तक विभागीय कामकाज की समीक्षा करने या तो दौरे में रहते है या फिर दफ्तर में मिलने पहुँचे लोगों से मुलाकात करते हैं. इस दौरान जरूरी फाइल को ही वे दफ़्तर में निपटाते हैं. बाकी फाइलिंग का काम वे शाम साढ़े 5 बजे से लेकर रात 9 बजे निपटाते रहते हैं. यही नहीं मुंगेली जिला पंचायत सीईओ दशरथ सिंह राजपूत शनिवार हो या रविवार जॉइनिंग के बाद से लगभग हर अवकाश के दिनों में वे पंचायत और गौठानों के निरीक्षण में चले जाते हैं. उनका मानना है कि समय का सदुपयोग करने के लिए वे इस तरह का काम करते हैं.

कलेक्टर डाॅ. गौरव कुमार सिंह के मार्गदर्शन में आज जिला सीईओ डी एस राजपूत मुंगेली विकासखण्ड के ग्राम जरहगांव स्थित गौठान पहुंचे. गौठान में आजीविकामूलक गतिविधियों का अवलोकन किया. इस दौरान उन्होंने गौठान में मुर्गी पालन, वर्मी कम्पोस्ट निर्माण, बाड़ी विकास के तहत सब्जी उत्पादन, मछली पालन, चारागाह आदि का निरीक्षण किया और आवश्यक निर्देश दिए.

उन्होंने स्व सहायता समूह की महिलाओं से भी चर्चा की और गौठान में अधिक से अधिक महिलाओं को आजीविकामूलक गतिविधियों से जुड़कर आर्थिक रूप से सशक्त बनने के लिए प्रोत्साहित किया.
उन्होंने कहा कि शासन की मंशा के अनुरूप ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के लिए गौठानों को आजीविका केन्द्र के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिससे जुड़कर समूह की महिलाएं अधिक से अधिक आय अर्जित कर सकते हैं. इस दौरान उन्होंने ग्राम जरहगांव के शासकीय उचित मूल्य की दुकान का भी निरीक्षण किया.

इस अवसर पर उन्होंने विक्रेता से शासकीय उचित मूल्य दुकान में खाद्यान्न का भण्डारण, वितरण, राशन कार्ड धारकों की संख्या आदि के संबंध में जानकारी प्राप्त की और राशन कार्ड धारकों से रूबरू होते हुए राशन की उपलब्धता के बारे में जानकारी ली.

उन्होंने राशन सामग्रियों को स्वयं तौलकर राशन सामग्रियों मात्रा का जायजा लिया और राशन कार्ड धारक हितग्राही से उपलब्ध राशन, चावल , नामक आदि की मात्रा के बारे में जानकारी प्राप्त की.

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